
इंदौर में मध्य प्रदेश का पहला ग्रीन फील्ड डाटा सेंटर खुलने वाला है, जिसके लिए एक बड़ी कंपनी इंटरेस्ट दिखा रही है। इस कंपनी को यहां लगभग 60,000 वर्ग फीट जमीन की आवश्यकता है, और सरकार से इसके लिए बातचीतें जारी हैं। अगर सब कुछ ठीक हुआ तो यह इंदौर में पहला ग्रीन फील्ड डाटा सेंटर बनेगा।
कहा जा रहा है कि आईआईएम इंदौर के आसपास एक कंपनी अपना प्रोजेक्ट लाने की योजना बना रही है। इसमें करीब 300 करोड़ रुपये का निवेश होने की बात है, जिससे 135 लोगों को सीधे और 2000 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल सकता है। सरकार मार्च में कंपनी को इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन उपलब्ध करा सकती है।
वहीं रिपोर्ट के अनुसार प्रोजेक्ट पांच फेस में पूरा हो सकता है। हर एक फेज में 12 हजार वर्ग फीट जमीन का उपयोग किया जाएगा। इसके लिए कंपनी को आईआईएम के पास की जमीन पसंद आई है। दरअसल इसका मुख्यकारण है की इस जमीन से से टीसीएस कंपनी की दूसरी लगभग 23.7 किमी है तो वहीं क्रिस्टल आईटी पार्क 13.3 किमी पड़ेगा। जानकारी दे दें की कंपनी द्वारा चुनी गई इस जमीन की एयरपोर्ट से दूरी 16 किमी है। जबकि कंपनी को दूसरी जमीन शिप्रा के पास दिखाई है, जो इंदौर से लगभग 25 किमी की दूरी है।
इस कंपनी का भारत में लगभग 40% मार्केट शेयर है। इसके अलावा, इसके अलावा भारत के बाहर 350 से ज्यादा संस्थानों को यह कंपनी अपनी सेवाएं उपलब्ध करा रही है। कंपनी के हैदराबाद, बेंगलुरु, मुंबई, नोएडा, चेन्नई और कोलकाता में केंद्र खुले हुए है, जिनमें हैदराबाद में तीन, बेंगलुरु में एक, मुंबई में पांच और नोएडा में एक एवं चेन्नई और कोलकाता में दो-दो केंद्र खुले हुए है।
डेटा सेंटर ऐसी जगह होती है जहां किसी कंपनी की आईटी गतिविधियों और उपकरणों को कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं. इन सुविधाओं में डाटा स्टोरेज, सूचनाओं की प्रोसेसिंग और दूसरे स्थान पर उसे पहुंचाना और कंपनी के एप्लिकेशन से जुड़े कामकाज शामिल हैं. इसे किसी सर्वर की तरह मान सकते हैं जहां से किसी कंपनी का पूरा आईटी ऑपरेट होता है. ऑनलाइन के बढ़ते जमाने में ऐसे डाटा सेंटर की भारी मांग है क्योंकि डाटा को किसी जगह सुरक्षित रखना भी अपने आप में चुनौती है. नोएडा में बनने वाला कैंपस इस चुनौती से निपटने में मदद करेगा. एसटी टेलीमीडिया सिंगापुर भारत में 112 डाटा सेंटर चलाती है.
आईटी के क्षेत्र में भारत का बड़ा रोल है. दुनिया की सभी बड़ी कंपनियां यहां अपना सेंटर चलाती हैं. भारत में तेजी से ऑनलाइन और कंप्यूटर आधारित उद्योग धंधे बढ़ रहे हैं. इसे देखते हुए डाटा का स्टोरेज महत्वपूर्ण काम है. डाटा सेंटर कैंपस बनने से उद्योग या आईटी कंपनियों को फायदा होगा और वे स्टोरेज की सुविधा ले सकेंगे. आने वाले समय में इसमें और तेजी देखी जाएगी.
प्रमुख डेटा सेंटर हब
मुंबई
चेन्नई
हैदराबाद
बेंगलुरु
नोएडा (दिल्ली-एनसीआर)
पुणे
कोलकाता
Published on:
01 Mar 2024 05:29 pm
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