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Mysterious Temples: मां दुर्गा का ऐसा मंदिर जहां जाने से डरते हैं भक्त, जानिए क्या है रहस्य

maa chamunda mata mandir : देवास का देवी चामुंडा माता मंदिर देश के प्रसिद्ध शक्तिपीठों में शामिल है। इस मंदिर में कई रहस्यमय शक्तियों के बारे में भी बताया जाता है। यह ऐसी शक्तियां हैं जो भक्तों को मंदिर तक लेकर आती हैं।

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भोपाल

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Nisha Rani

Feb 22, 2024

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भारत को आध्यात्म और साधना का केंद्र कहा जाता है। यहां कई प्राचीन मंदिर हैं, जिनका अपना एक अलग महत्व है। इनमें मां दुर्गा के कई बेहद चमत्कारिक और रहस्यमयी मंदिर हैं। कई लोगों का कहना हैं कि यह भगवान की कृपा है, तो वहीं अन्य लोगों के लिए आश्चर्य का विषय है। नवरात्र में लोग मां दुर्गा की पूरी आस्था और भक्ति के साथ पूजा और आराधना करते हैं।

मध्य प्रदेश के देवास में मां दुर्गा का एक ऐसा मंदिर हैं, जिससे लोग डरते भी हैं। ऐसा नहीं है कि मां दु्र्गा के प्रति लोगों की आस्था नहीं है। लोग माता को मानते हैं और नवरात्र में यहां आते हैं, लेकिन बाहर से ही दर्शन कर चले जाते हैं। आखिर ऐसी क्या वजह है कि कोई मंदिर में जाने से डरता क्यों है?

लोगों का कहना है कि मंदिर शापित है और सूर्यास्त के बाद इस मंदिर में कोई नहीं जाता है। लोगों के मुताबिक, शाम ढलने के बाद यहां आने वाले लोगों के साथ अजीबो—गरीब घटनाएं घटती हैं और मंदिर से डरावनी आवाजें आती हैं। लोग का तो ये भी कहना हैं कि कभी शेरों के दहाड़ने की आवाजें आती हैं तो कभी घंटों के नाद की। इसकी वजह से दिन ढलने के बाद लोगों का मंदिर में प्रवेश बंद है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां पर गलत इरादे से आने वाले लोगों के साथ हमेशा नुकसान होता है।


देवास के इस मंदिर से कई कहानियां जुड़ी हुई हैं। इस मंदिर का निर्माण देवास के महाराजा ने कराया था, लेकिन इसके बनवाने के बाद घराने में अशुभ घटनाएं होने लगीं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां राजा की बेटी के सेनापति से प्रेम संबंध थे। राजा को यह बात पसंद नहीं थी। वह इस रिश्ता के खिलाफ थे और बेटी को जेल में डाल दिया। बेटी को यह दूरी बर्दाश्त नहीं हुई और जेल में उसकी रहस्यमयी मौत हो गई।

राजकुमारी की मौत के बाद सेनापति ने भी मंदिर के परिसर में आत्महत्या कर लिया। इसके बाद राजपुरोहितों ने राजा को बताया कि मंदिर अपवित्र हो चुका है। मंदिर में रखी मूर्ति को यहां से हटाकर कहीं और स्थापित कर दिया जाए। राजपुरोहितों की सलाह के बाद राजा ने पूरे सम्मान के साथ मां की मूर्ति को उज्जैन के बड़े गणेश मंदिर में स्थापित करा दिया। खाली जगह पर मां की दूसरी मूर्ति को रख दिया। इसके बाद भी मंदिर में होने वाली घटनाएं नहीं रुकीं। इस बात में कितना सच है और कितना झूठ ये कोई नहीं जानता।