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मेडिकल कॉलेज के सारे एडमिशन कैंसिल, अब फिर से होगी नीट काउंसलिंग

काउंसलिंग का तीसरा चरण शनिवार से शुरू होना था, लेकिन अदालत में होने के कारण इसके प्रवेश भी अब दोनों चरणों के बाद ही होंगे।

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भोपाल

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Juhi Mishra

Aug 30, 2017

NEET counseling 2017

NEET counseling 2017

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार की अपील सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो जाने के बाद प्रदेश में मेडिकल और बीडीएस के लिए राज्यस्तरीय संयुक्त नीट यूजी काउंसलिंग की पहले और दूसरे चरण का प्रवेश निरस्त कर दिया गया है। दोनों ही पाठ्यक्रमों में अब नए सिरे से प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

काउंसलिंग का तीसरा चरण शनिवार से शुरू होना था, लेकिन अदालत में होने के कारण इसके प्रवेश भी अब दोनों चरणों के बाद ही होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार की अपील खारिज करते हुए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें कहा गया कि मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में सिर्फ मध्यप्रदेश के ही छात्रों को प्रवेश दिया जाए।

10 दिन का समय
प्रदेश सरकार के वकील पुरुषेन्द्र कौरव ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कर रही जस्टिस एसए बोब्डे और जस्टिस एल नागेश्वर राव की पीठ से आग्रह किया, हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए 10 दिन का समय दिया जाए। इस अवधि में दोबारा काउंसलिंग की जा सकेगी। इस पर पीठ ने कहा, सामान्य तौर पर ऐसे आग्रह स्वीकार नहीं किए जाते, लेकिन असाधारण परिस्थिति में दोबारा काउंसलिंग के लिए यह समय दिया जा सकता है।

बाहरी छात्रों के प्रवेश से आई दिक्कत
काउंसलिंग रद्द होने से दोनों राउंड में चयनित छात्रों की दिक्कत बढ़ गई है। हालांकि, चिकित्सा शिक्षा विभाग के अफसरों का कहना है कि मप्र के मूल निवासी छात्रों को दिक्कत नहीं होगी, उनके प्रवेश यथावत रहेंगे।उनकी फीस भी जमा रहेगी। सिर्फ बाहरी राज्यों के छात्रों के जाने से खाली हुई सीटों पर ही नए दाखिले होंगे। इधर, कोर्ट के निर्देश आने के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव मेडिकल एजुकेशन गौरी सिंह ने इस संबंध एक बैठक भी ली।

यह था मामला
यूजी काउंसलिंग में बाहरी राज्यों के छात्रों को सीट आवंटन करने का मामला सामने आया था। इस पर सामाजिक कार्यकर्ता विनायक परिहार ने मप्र हाइकोर्ट में याचिका लगाकर कहा था कि विभाग ने स्टेट कोटे की सीट पर जानबूझकर दूसरे राज्यों के छात्रों को प्रवेश दिया है। इस पर हाइकोर्ट ने सुनवाई करते हुए 22 अगस्त को काउंसलिंग रद्द करने का फैसला सुनाया। हाइकोर्ट के निर्णय को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

कल से दोबारा शुरू होंगे दाखिले
चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश में दोनों चरणों की काउंसलिंग निरस्त कर दी गई। आदेश में कहा गया कि एमबीबीएस और बीडीएस में प्रवेश के लिए नए सिरे से काउंसलिंग अब 31 अगस्त से प्रारंभ की जाएगी। इसमें प्रवेश के नियम यथावत रहेंगे, लेकिन अब प्रदेश के मूल निवासी छात्रों को ही प्रवेश मिल सकेगा। इससे बाहरी राज्यों के करीब 300 छात्र वंचित हो जाएंगे। ये छात्र मध्यप्रदेश के मूल निवासी नहीं होने के बावजूद एमबीबीएस की काउंसलिंग में नामांकन करवा चुके थे।