अगर बात रतलाम की करें तो इस जिले में 9 दिन के लिए लॉ़डाउन लगाया गया है जो शनिवार से शुरु हुआ था लेकिन दो दिन बाद ही सोमवार को रतलाम सब्जी मंडी में करीब तीन से चार हजार लोग पहुंच गए। इस भीड़ को देखकर आसानी से समझा जा सकता है कि यहां कोरोना किस तरह से बंट रहा है और कोई जिम्मेदार देखने वाला नहीं है।
रतलाम जिले में सडकों पर निकलने वालो पर दूध वालों को सुबह 6:00 बजे से 10:00 बजे तक, सब्जी की दुकान वालों को हाथ ठेला पर ही सब्जी बेचना है भीड़ नहीं लगाना है, इसके बावजूद मुख्य सब्जी मंडी सैलाना बस स्टैंड पर हजारों की भीड़ जमा हो गयी। जबकि पुलिस प्रशासन के कर्मचारी की मौजूदगी में सब्जी मंडी सिर्फ किसानों के लिए चालू रखी गयी थी। लेकिन पता ही नहीं पाया कि आखिर शहर में इतने किसान और सब्जी बेचने वालों की भीड़ है या सब्जी खरीदने वालों की।
दूसरी तस्वीर दतिया जिले की है जहां दो दिन बाद सब्जी मंडी खुली तो अपार भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों को डर है कि दोबारा लोक डाउन न लग जाए, इस आशंका के चलते लोगों ने थोक में सब्जी खरीदी। सोमवार सुबह से दतिया की बड़ी सब्जी मंडी हाथी खाना में ग्राहकों की अपार भीड़ रही। ऐसे में संक्रमण भी तेजी से फेल सकता है। मंडी में इतनी भीड़ थी, कि गाड़िया खड़ी करने जगह तक नही बची । वही मंडी ठंडी सड़क तरफ दरवाजे तक लगी। मंडी में सोशल डिस्टेन्सिंग कहीं नजर नहीं आई। हैरानी की बात यह है कि मंडी में इतनी भीड़ को देखने पुलिस या प्रशासन का भी कोई नुमाइंदा नही था।