– किराए के मकान में रहने वाले लोगों को एग्रीमेंट खत्म होने पर मकान खाली करना होगा।
– अगर एग्रीमेंट खत्म होने के बावजूद भी किराएदार मकान खाली नहीं करता है तो उसे पहले 2 माह में दोगुना और तीसरे महीने से 4 गुना किराया देना होगा।
– मकान मालिक और किराएदार का एग्रीमेंट उनकी मृत्यु के बाद भी उनके उत्तराधिकारी पर भी लागू होगा जबरन घर खाली नहीं करा सकेंगे।
– अब किराएदार और मकान मालिक के बीच किसी भी तरह का झगड़ा होने की स्थिति में सिविल कोर्ट में अपील नहीं हो सकेगी।
– ऐसे किसी भी मामले को अब एक सदस्य किराया ट्रिब्यूनल, किराया प्राधिकारी और रेंट कोर्ट में निपटाया जाएगा।
– किराया मकान मालिक और किराएदार की सहमति से बढ़ेगा।
– एग्रीमेंट होने के 60 दिन के अंदर किराया प्राधिकारी को बताना होगा।
– प्रदेश या फिर दूसरी जगहों पर रहने वाले मकान मालिकों की सहमति पर उनके प्रॉपर्टी मैनेजर या फिर रेंट एजेंट काम करेंगे।
– सभी प्रॉपर्टी मैनेजर और रेंट एजेंट का रजिस्ट्रेशन होगा।
– एक्ट के लागू होने के बाद भी सिविल कोर्ट में पेंडिंग मकान मालिक और किराएदार के बीच विवाद पुराने कानून के तहत जारी रहेंगे।