19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

भारत में मिला कोरोना के नए वेरिएंट का एक मामला, जानें क्या है नाम और है कितना खतरनाक

बीते अप्रैल से अब तक भारत सहित दुनिया के कई देशों में कोरोना के नए एरिस वैरिएंट की पहचान हुई है। जानें यूरोप और अमेरिका में कहर बरपा रहा ये वेरिएंट कितना खतरनाक...

2 min read
Google source verification
corona_new_variant_find_in_india_who_alert_in_these_country.jpg

अब कोरोना का एक और नया वेरिएंट दुनिया भर के देशों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। आपको बता दें कि कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट से निकले एरिस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पड़ताल शुरू कर दी है। फिलहाल डब्ल्यूएचओ ने इसे वैरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट की श्रेणी में शामिल किया है। जानकारी मिली है कि बीते अप्रैल से अब तक भारत सहित दुनिया के कई देशों में कोरोना के नए एरिस वैरिएंट की पहचान हुई है जिसे EG.5 नाम से जाना जाता है। आपको बताते चलें कि कोरोना की पहली लहर से भले ही भारत ज्यादा प्रभावित नहीं हुआ, लेकिन दूसरी लहर देश के कई हिस्सों में काल बनकर आई। यही स्थिति एमपी की भी रही। यहां भी सैकड़ों संक्रमित लोग मौत की नींद सो गए थे।

ये भी पढ़ें: नाम मोक्ष क्लब और लेकिन यहां परोसी जा रही थी शराब, हुक्का भी फूंक रहे थे रईसजादे

ये भी पढ़ें: राहुल गांधी पर बीजेपी का हमला, Smriti Irani के बाद अब MP के वन मंत्री बोले, 'उन्हें गांधी कहना महात्मा गांधी का अपमान'

जेनेवा में हुई बैठक

हाल ही में जेनेवा में हुई बैठक में डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों ने कहा है कि अभी तक एरिस स्ट्रेन के बहुत अधिक साक्ष्य सामने नहीं आए हैं। इसलिए फिलहाल इसे गंभीर स्ट्रेन नहीं माना जा रहा है। समय के अनुसार जैसे जैसे साक्ष्य सामने आएंगें, इसके बारे में सदस्य देशों को जानकारी देते रहेंगे। साल 2019 में आया कोरोना (covid) दरअसल, 2019 में कोरोना महामारी की शुरुआत के समय डब्ल्यूएचओ ने तीन श्रेणी के तहत कोरोना वायरस के वैरिएंट को रखा। इनमें वैरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट, वैरिएंट ऑफ कंसर्न और वैरिएंट ऑफ हाइकान्सिक्वेंस शामिल हैं। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि EG.5 और इसके उप-वंश को लेकर अभी तक काफी कम मामले दुनिया में सामने आए हैं। हालांकि, यूके और अमेरिका में इनकी संख्या काफी है जबकि, भारत में बीते मई माह के दौरान एक मामला मिला, उसमें भी संक्रमित व्यक्ति दो दिन में स्वस्थ भी हो गया।

फिर भी सतर्क रहने की जरूरत

एरिस वैरिएंट को शोधकर्ताओं ने EG.5.1 नाम दिया है, सबसे पहले जुलाई में इसकी पहचान की गई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने यूके सहित सभी देशों को सतर्क रहने और कोविड संबंधी उचित व्यवहार का पालन करने की सलाह दी है। अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि वायरस में जारी म्यूटेशनों के कारण गंभीर या संक्रामक वैरिएंट का जोखिम लगातार बना हुआ है। ऐसे में इस दिशा में बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। जल्दी संक्रमित करने वाला, 7 दिन में 7354 जीनोम सीक्वेंस यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) के अनुसार, EG.5 ओमिक्रॉन सबवेरिएंट XBB.1.9.2 का वंशज है। इस स्ट्रेन वाले वायरस के स्पाइक प्रोटीन में एक एक्स्ट्रा म्यूटेशन है जो, ह्यूमेन सेल्स में प्रवेश कर जल्द ही संक्रमित करता है। अभी तक EG.5 और EG.5.1 के मामले सामने आए हैं। बीती सात अगस्त 51 देशों में EG.5 के 7354 जीनोम सीक्वेंस सामने आए हैं।

ये भी पढ़ें: नाम मोक्ष क्लब और लेकिन यहां परोसी जा रही थी शराब, हुक्का भी फूंक रहे थे रईसजादे

ये भी पढ़ें: HM Narottam Mishra: सोमवार को कमलनाथ महाकाल की सवारी में होंगे शामिल, गृहमंत्री बोले- कांग्रेस संकट में Watch Video