
आवारा कुत्तों को गोद लेने वाली डॉ. पूजा दुबे
भोपाल. कल तक सड़कों पर आवारा और मारा-मारा फिरने वाला कुत्ता आज टाइगर नाम से जाना जाता है, मालिक का नाम बल्देव सिंह और पता भी सुभाष नगर। शहर में कुत्ता काटने की घटनाओं के बाद अब आवारा कुत्तों को गोद लेने के लिए पशु प्रेमी और पीपल्स फॉर एनिमल संस्था द्वारा न्यू मार्केट में डॉग एडॉप्शन कैंप लगवाया जिसमें पहले दिन 50 के लगभग आवारा कुत्तों को लोगों ने गोद लिया। कुत्तों द्वारा काटने की घटना के बाद इसे कम करने के लिए पत्रिका ने अभियान चलाया हुआ है। इसी के साथ पशु प्रेमी भी आगे आकर कुत्तों को गोद ले रहे हैं। कैंप में गोद लेने वालों में डॉक्टर पूजा दुबे और महिला जज भी शामिल हैं। इसके अलावा कारोबारी, खनिज और क्रेशर प्लांट संचालक भी हैं। इन लोगों ने आवारा कुत्तों को गोद लेकर उनके खाने और इलाज तक की जिम्मेदारी ली है।
भरवाते हैं फॉर्म
आवारा कुत्तों को गोद देने से पहले संस्था एक फॉर्म भरवाती है, इसमें कुत्ते के खाने से लेकर उसकी दवा, नसबंदी, वैक्सीनेशन के साथ सभी प्रकार की देखभाल के बारे में लिखवाया जाता है। उनका पूरा पता रहता है, अगर कोई सरकारी जॉब में है और ट्रांसफर होता है तो उसकी जानकारी भी संस्था को समय पर अपडेट करनी है। कुत्ते को वे कभी छोड़ेंगे नहीं, अगर कोई समस्या है तो संस्था को बताएंगे। साल में एक बार कुत्ते का वीडिया बनाकर संस्था के सदस्य या प्रेसीडेंट को भेजना होता है।
रेड जोन के कुत्ते प्राथमिकता में
वैसे तो हर आवारा कुत्ते संस्था की प्राथमिकता में है, लेकिन ऐसे कुत्ते जो रेड जोन में रहते हैं, जैसे हाईवे किनारे या ऐसी सड़क जहां हादसे हो रहे हैं, कुत्ते मर जाते हों। रहवासी एरिया जिसमें सबसे ज्यादा कुत्तों से परेशानी की शिकायते हैं, उन कुत्तों को प्राथमिकता के आधार पर संस्था लेती है। उनका चेकअप डॉक्टरों के द्वारा कराया जाता है। इसके बाद गोद देने की प्रक्रिया और नामकरण होता है।
वर्जन
हम लोग ऐसे कुत्तों का पहले चयन करते हैं जहां लोगों को समस्या रहती है। कुत्तों को गोद देने से पहले फॉर्म भरवाते हैं। अच्छी बात ये है कि मिडिल क्लास के साथ डॉक्टर, जज, कारोबारी भी आवारा कुत्तों को गोद ले रहे हैं।
स्वाती गौरव, प्रेसीडेंट, पीपल्स फॉर एनिमल
Published on:
27 Jan 2024 10:21 pm
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