
(सोर्स: पत्रिका फाइल फोटो )
MP News: एमपी की राजधानी भोपाल में प्रस्तावित 123 किमी की मेट्रो लाइन से 50 मीटर तक जमीनों की कीमतें संबंधित क्षेत्र की कलेक्टर गाइडलाइन से लगभग आधी हैं। मेट्रो लाइन एक्सटेंशन के तहत लोगों को दे रहे नोटिस और जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई में ये स्थिति आई है। ऐसा इसलिए क्योंकि जमीन अधिग्रहण में मुआवजा देना है। यदि जमीन मालिक कोर्ट पहुंचे और मौजूदा गाइडलाइन से राशि देना तय हुआ तो मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को ज्यादा दरें नहीं देनी होगी।
2027 में मेट्रो की ओरेंज व ब्लू लाइन में करीब 32 किमी का ट्रैक तैयार होना है। अभी 6.22 किमी का ट्रैक ही बना है। ये महज 18 फीसदी है। इससे काम की गति और स्थिति को समझा जा सकता है। इस समय प्रतिवर्ष एक किमी लाइन की गति से काम चल रहा है।
जहांगीराबाद बाजार में एक किमी में 200 से अधिक मकान-दुकानों को नोटिस दिए हैं। इन्हें 2018 की कलेक्टर गाइडलाइन के अनुसार राशि दे रहे हैं, लेकिन 2025 के लिए तय गाइडलाइन में यहां 1600 से 2000 रुपए प्रति वर्गफीट ही दर तय है। ये मेट्रो लाइन से 50 मीटर तक है, इसके बाद दर 6800 रुपए प्रति वर्गफीट है। ये चार गुना कम है।
करोंद में मेट्रो ओरेंज लाइन तय है। सिंधी कॉलोनी से करोद पीपल चौक तक 700 मीटर में 155 दुकान- मकान आ रहे हैं। यहां लाइन से 50 मीटर तक कलेक्टर दरें 1800 रुपए प्रति वर्गफीट है। जबकि 150 मीटर दूर में दरें 5500 रुपए प्रति वर्गफीट है। समझा जा सकता है किस तरह दरें कम रखकर मेट्रो कॉरपोरेशन ने नुकसान का दायरा घटाया है।
संजय शुक्ला, पीएस शहरी आवास एवं विकास का कहना है कि मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट का कमर्शियल रन भोपाल में जल्द शुरू करेंगे। यही अब हमारी प्राथमिकता है। तेजी से काम चलेगा और तय समय में इसे पूरा किया जाएगा।
Updated on:
04 Jun 2025 02:25 pm
Published on:
04 Jun 2025 10:44 am
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