
(फोटो सोर्स: AI Image)
MP News: पीएचडी करने वाले स्टूडेंट्स के लिए राहत भरी खबर है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत उच्च शिक्षा संस्थानों ने शोध को अधिक लचीला और रोजगारोन्मुख बनाने के उद्देश्य से पीएचडी में पार्ट टाइम सुविधा शुरू कर दी है। अब नौकरीपेशा युवा भी उच्च स्तर पर शोध कर सकेंगे, वो भी बिना कोर्सवर्क की झंझट के।
आरजीपीवी, ट्रिपल आईटी, एनएलआईयू, मैनिट और फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी जैसे संस्थानों ने इस साल से पार्ट टाइम पीएचडी की शुरुआत की है, जिससे अब शिक्षाविदों, इंजीनियरों, वैज्ञानिकों और आईटी प्रोफेशनल्स के लिए रिसर्च के नए रास्ते खुल गए हैं।
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (ट्रिपल आईटी) ने कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन, मैथेमेटिक्स और फिजिक्स जैसे विषयों में पीएचडी की सुविधा दी है। इसमें खास बात यह है कि जो अभ्यर्थी पार्ट टाइम पीएचडी करना चाहते हैं, वे एनपीटीईएल के ऑनलाइन कोर्स को विकल्प के रूप में चुन सकते हैं।
एनपीटीईएल (नेशनल प्रोग्राम ऑन टेक्नोलॉजी एन्हांस्ड लर्निंग) एक ऑनलाइन मंच है जो आईआईटी और आईआईएससी द्वारा संचालित किया जाता है। यह मुफ्त में तकनीकी, विज्ञान और मानविकी विषयों में कोर्स उपलब्ध कराता है। इसके कोर्सवर्क को मान्यता मिलने से अब रिसर्च स्कॉलर्स बिना संस्थान की नियमित कक्षाओं के भी अपनी पीएचडी जारी रख सकते हैं।
विश्वविद्यालय में पूर्व में पीएचडी प्रवेश के लिए ऑर्डिनेंस 2017 लागू था, जिसे अब संशोधित कर ऑर्डिनेंस 2022 लागू किया गया है। इसके अंतर्गत प्रवेश प्रक्रिया को भी अधिक पारदर्शी और स्पष्ट बनाया गया है। छात्रों के लिए पार्टटाइम पीएचडी की सुविधा भी रहेगी।- राजेश भार्गव, डिप्टी रजिस्ट्रार, आरजीपीपी
अब शोध सिर्फ लैब या क्लासरूम तक सीमित नहीं रहा। तकनीक और नई नीति ने पीएचडी को नौकरीपेशा युवाओं के लिए भी सुलभ बना दिया है। एनपीटीईएल जैसे मंचों और पार्ट टाइम विकल्पों ने शिक्षा और करियर को साथ-साथ साधना संभव कर दिया है। संस्थान में इसी साल से पीएचडी प्रोग्राम शुरू किए गए हैं। अभ्यर्थी पार्ट टाइम पीएचडी भी कर सकते हैं।-डॉ. अजय श्रीवास्तव, प्लेसमेंट अधिकारी, ट्रिपलआईटी
Published on:
20 Jul 2025 11:21 am
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