
भोपाल। चीता परियोजना के विस्तार, बेहतर आवास विकास और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने टास्क फोर्स गठित किया है। इसमें वन और पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव के अलावा चार अन्य अधिकारियों को इसका सदस्य बनाया है। टास्क फोर्स चीता परियोजना के लिए कार्ययोजना तथा चीतों के संरक्षण के लिए काम करेगा। समय समय पर पार्क का भ्रमण करेगा और वहां चीतों को बेहतर माहौल देने के लिए एनटीसीए को सुझाव देगा।
अंतरराष्ट्रीय महत्व की चीता परियोजना के तहत अफ्रीकी देश नामीबिया से मध्य प्रदेश लाए गए आठ चीतों की सुरक्षा और प्रबंधन पर केंद्र सरकार सीधे नजर रखे हुए है। इसकी मानीटरिंग भी वहां से अधिकारी कर रहे हैं। इसमें कोई चूक न हो, इसकी जिम्मेदारी टास्क फोर्स गठित कर स्थानीय वन अधिकारियों को ही दी गई है। फोर्स के सदस्य बारी-बारी से कूनो पार्क का दौरा करेंगे और हर हफ्ते केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजेंगे। जिसमें प्रबंधन और सुरक्षा प्रबंध की स्थिति स्पष्ट करनी होगी।
फोर्स लेगा चीतों के संबंध में सभी निर्णय
फोर्स में शामिल अधिकारी दिनोंदिन चीतों के व्यवहार में आने वाले बदलाव पर भी नजर रखेंगे। उन्हीं की रिपोर्ट पर तय होगा कि क्वारंटाइन बाड़े से चीतों को बड़े बाड़े और फिर जंगल में खुला कब छोड़ा जाना है। इसके अलावा पार्क में पर्यटन शुरू करने और उसे व्यवस्थित करने का निर्णय भी इसी फोर्स के सदस्य लेंगे। उल्लेखनीय है कि चीता देखने आने वाले पर्यटकों के लिए जनवरी 2023 से पार्क खोला जा सकता है।
ये हैं टास्क फोर्स के सदस्य
टास्क फोर्स में प्रमुख सचिव वन अशोक बर्णवाल, प्रमुख सचिव पर्यटन शिवशेखर शुक्ला, एनटीसीए के आईजी डा. अमित मलिक, प्रदेश के वन बल प्रमुख आरके गुप्ता, मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक जेएस चौहान और राज्य वन्यप्राणी बोर्ड के सदस्य अभिलाष खांडेकर को शामिल किया गया है। वन्यप्राणी मुख्यालय में पदस्थ अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक शुभरंजन सेन संयोजक सदस्य बनाए गए हैं। एनटीसीए के सदस्य सचिव डा. एसपी यादव ने इसकी पुष्टि की है।
Published on:
23 Sept 2022 10:26 pm
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