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‘आजाद भारत में पहली बार जातिगत जनगणना में जुड़ेगा ये समाज’, जानें- पहले कब हुई थी ये जनगणना

Caste Census 2025 : ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय कोर कमेटी सदस्य एडवोकेट धर्मेंद्र कुशवाह के अनुसार, साल 1931 के बाद अब 2025 में जातिगत जनगणना होगी। OBC महासभा ने केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा- जल्द सामने आएंगे अच्छे परिणाम।

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Caste Census 2025

Caste Census 2025 : केंद्र सरकार की ओर से एक दिन पहले जातिगत जनगणना कराने का ऐलान के बाद आदिवासी बाहुल राज्य मध्य प्रदेश में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। एक तरफ जहां मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मोदी सरकार के फैसले का स्वागत किया तो वहीं दूसरी तरफ ओबीसी महासभा ने भी इस फैसले को सराहनीय और ऐतिहासिक कदम बताया है।

ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय कोर कमेटी सदस्य एडवोकेट धर्मेंद्र कुशवाह के अनुसार, इससे सभी जातियों को उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा। जनगणना के साथ-साथ जातिगत जनगणना होने से भविष्य में अच्छे परिणाम सामने आएंगे।

OBC महासभा ने किया स्वागत

एडवोकेट धर्मेंद्र कुशवाह के अनुसार, साल 1931 के बाद ये पहली बार है, जब वर्ष 2025 में जातिगत जनगणना होगी। किस जाति वर्ग के कितने लोग हैं, उन्हें कितनी शासकीय सुविधा इसके जरिए मिल पा रही हैं और किस जाति वर्ग के लिए सरकार को और ज्यादा बेहतर काम करने की जरूरत है। इस जमगणना से ये चीजें साफ हो सकेंगी। धर्मेंद्र कुशवाह ने मोदी कैबिनेट द्वारा बुधवार को लिए फैसले का स्वागत किया।

सीएम मोहन ने किया अभिनंदन

आगामी जनगणना में जातिगत जनगणना को शामिल करने के फैसले का सीएम मोहन यादव ने भी अभिनंदन किया। उन्होंने कैबिनेट के सदस्यों का प्रदेशवासियों की ओर से आभार व्यक्त किया, साथ ही कहा कि, अंत्योदय के लिए संकल्पित केन्द्र सरकार का ये एक ऐतिहासिक फैसला है। सीएम के अनुसार, दशकों तक कई दलों द्वारा जातिगत जनगणना का विरोध किया गया। जातिगत जनगणना सिर्फ आंकड़े नहीं होंगे, बल्कि देश के गरीब, पिछड़े, कमजोर और वंचित नागरिकों के जीवन में बदलाव के संवाहक भी बनेंगे।

यह भी पढ़ें- जातिगत जनगणना के फैसले पर सीएम मोहन की बड़ी बात, 'ये सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि..'

ये है जातिगत जनगणना का मतलब

जातिगत जनगणना का सीधा मतलब है कि, देश में किसी जाति के कितने लोग हैं, इसके स्पष्ट आंकड़े सामने आ जाएंगे। देश में जातिगत जनगणना पहले भी हुई है, लेकिन तब ओबीसी को उसमें शामिल नहीं किया जाता था। ऐसे में बात जब भी जातिगत जनगणना की होती है तो सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की होती है कि, देश में ओबीसी वर्ग अब कितना ज्यादा बड़ा बन चुक है, आखिर इससे साफ होगा कि, किस समाज के कितने लोग देश में रह रहे हैं।