
वन नेशन-वन कार्ड में दूसरे राज्य में नहीं मिलेगा सस्ता राशन
भोपाल। केंद्र सरकार ने वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना शुरू कर दी है लेकिन इस योजना के तहत दूसरे राज्यों के लोंगों को मध्यप्रेदश में एक रुपए किलो की दर से गेंहू-चावल नहीं मिल पाएगा। इसी तरह मध्यप्रदेश के निवासी यदि दूसरे राज्य में राशन लेंगे तो उन्हें भी उन राज्यों में गरीबों के लिए चलाई जाने वाली योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा।
राज्य सरकार ने पीडीएस सिस्टम में नेशनल पोर्टिबिलिटी की तैयारी पूरी कर ली है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र के बीच में नेशनल पोर्टिबिलिटी स्कीम की टेस्टिंग भी की जा चुकी है, जो पूरी तरह से सफल रही। तीनों राज्यों ने इसकी रिपोर्ट भी केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय को सौंप दी है।
थंब इंप्रेशन से ही मिलेगा राशन-
नेशनल पोर्टिबिलिटी का लाभ उन्हीं उपभोक्ताओं को मिलेगा जिन्होंने राशन की दुकानों में अपना आधार, मोबाइल और यूआईडी नम्बर को बैंक एकाउंट के साथ लिंक कराया है। इसके साथ ही इन उपभोक्ताओं ने अपने आधार नम्बर को सत्यापित करने के साथ थम्ब इंप्रेशन को पीओएस मशीन में रजिस्टर्ड कराया है। उपभोक्ता को राज्य के बाहर किसी भी शासकीय राशन की दुकानों में थम्ब इंप्रेशन के आधार पर ही राशन दिया जाएगा।
प्रदेश के बाहर उपभोक्ताओं को उन दुकानों से राशन मिल सकेगा जो पीओएस के माध्यम से नेशनल पोर्टिबिलिटी पोर्टल से जुड़ी हुई हैं। ऑफ लाइन राशन की दुकानों से न तो प्रदेश उपभोक्ताओं को दूसरे राज्य में नेशनल पोर्टिबिलिटी स्कीम का लाभ मिल पाएगा और न ही प्रदेश के अंदर दूसरी दुकान से राशन मिल पाएगा। साथ ही दूसरे राज्य के लोगों को भी यहां ऑफ लाइन दुकान से राशन मिल पाएगा। स्टेट पोर्टिबिलिटी का लाभ प्रदेश के 83 लाख पात्रता परिवारों को मिल रहा है। अब इन उपभोक्ताओं के पूरे डाटा को नेशनल पोर्टिबिलिटी के सर्वर में अपलोड किया जा रहा है।
प्रदेश में स्टेट पोर्टिबिलिटी पहले से
प्रदेश में शहर और गांवों के उपभोक्ताओं को स्टेट पोर्टिबिलिटी के जरिए किसी भी राशन दुकान से खाद्यान देने का काम अक्टूबर २०१९ से किया जा रहा है। नेशनल पोर्टिबिलिटी के लिए खाद्य आपूर्ति विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है। क्षेत्रभर की सभी राशन दुकानों पर 4-जी मशीनें उपलब्ध कराई गई है। जिसके माध्यम से उपभोक्ताओं को राशन मिलेगा। पुरानी मशीनों को हटाकर सभी राशन दुकान के संचालकों को नई मशीनें दी गई हैं। इससे पहले सभी राशन दुकानों के संचालकों को 2-जी मशीनें मिलीं थीं।
श्रेणी के आधार पर मिलता है राशन
क्षेत्र की सभी राशन दुकानों से उपभोक्ताओं को गेहूं, चना, चावल, केरोसीन आदि अलग-अलग श्रेणी के राशन कार्डों पर दिया जाता है। एपीएल कार्ड के माध्यम से प्रति सदस्य 5 किलो गेहूं 21 श्रेणी वर्ग के उपभोक्ताओं को दिया जाता है। बीपीएल राशनकार्ड में 5 किलो अनाज प्रति सदस्य के हिसाब से सभी परिवार तथा अंत्योदय राशन कार्ड के आधार पर 35 किलो अनाज दिया जाता है।
Published on:
03 Jan 2020 09:59 am
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