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कर्ज में डूबी हमारी सरकार, 13 दिन में तीसरी बार फिर लिया उधार

जानकारी के मुताबिक हमारी मध्य प्रदेश सरकार गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रही है। राज्य सरकार पर 3 लाख 29 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज चढ़ चुका है। यह कर्ज प्रदेश सरकार के कुल वार्षिक बजट से भी ज्यादा है।

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भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में अब प्रदेश की जनता लगातार कर्ज के बोझ तले दबती जा रही है। वहीं हमारी सरकार लगातार उधार लेती जा रही है। अब तक करीब 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक के कर्ज के बोझ तले दबी शिवराज सरकार ने एक बार फिर कर्जा लिया है। इस बार सरकार ने 2 हजार करोड़ रुपए उधार लिए हैं। आपको बता दें कि पिछले 13 दिनों में यह तीसरी बार है कि जब सरकार ने कर्ज लिया है।
दरअसल यह कर्ज 7.88 प्रतिशत ब्याज के दर से लिया गया है। इस कर्ज को साल 2023 तक सरकार चुकाएगी। शिवराज सरकार ने इससे पहले 14 अक्टूबर और 20 अक्टूबर को कर्ज लिया था। दोनों बार सरकार ने 1 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। लेकिन इस बार 2 हजार करोड़ रुपए का लिया गया है। इस तरह शिवराज सरकार बीते 2 सप्ताह के अंदर 4000 करोड़ का कर्ज ले चुकी है।

गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रही सरकार
जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश सरकार गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है। राज्य सरकार पर 3 लाख 29 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज हो चुका है। जबकि प्रदेश सरकार का कुल वार्षिक बजट भी इतना नहीं है। इसका मतलब यह है कि अब सरकार ने राज्य के कुल बजट से ज्यादा कर्जा ले रखा है। भारी-भरकम कर्ज के चलते सूबे की शिवराज सरकार को हर साल बड़ी रकम ब्याज के तौर पर चुकानी पड़ रही है।

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अब तक तक 8 हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी सरकार
आपको बता दें कि पहले से 3 लाख करोड़ रुपए के कर्ज के बोझ तले दबी शिवराज सरकार ने एक बार फिर भारतीय रिजर्व बैंक से कर्ज लिया है। इस कर्ज के बाद शिवराज सरकार इस एक साल यानी 2022 में अब तक करीब 8 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है। प्रदेश सरकार पर अब तक जो 3 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है उसमें राष्ट्रीय बचत योजना से 3756 करोड़ रुपए का कर्ज शामिल है। 31 मार्च 2022 की स्थिति में सरकार पर कुल 3 लाख 3 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है।

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40 हजार करोड़ तक ले सकती है सरकार
जानकारी के मुताबिक प्रदेश सरकार राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 4 फीसदी तक लोन ले सकती है। सरकार के पास 40 हजार करोड़ रुपए से अधिक का लोन लेने की पात्रता है, लेकिन अभी तक सरकार ने आठ हजार करोड़ का ही कर्ज लिया है।

विपक्ष की मांग श्वेतपत्र जारी करे सरकार
आर्थिक संकट से गुजर रही सरकार पर अब विपक्ष का दबाव भी बन रहा है। दरअसल अब विपक्ष भी लगातार मांग कर रहा है कि इस आर्थिक स्थिति पर सरकार श्वेत पत्र जारी करे, ताकि वित्तीय प्रबंधन की स्थिति स्पष्ट हो सके। जिसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को कई पत्र लिख चुके हैं। लेकिन इसे लेकर वित्त मंत्री जगदीव देवड़ा ने बताया कि योजनाओं के संचालन के लिए हर सरकार को कर्ज की आवश्यकता होती है। साथ ही विकास और जन कल्याणकारी योजनाओं के लिए कर्ज लिया जाता है।