भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में मनोरोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. आरएन साहू का कहना है कि इस घटना में दोनों बच्चों में उम्र का काफी अतंर है। छात्रा का सोचने का नजरिया अलग है, जबकि उसके भाई की उम्र काफी कम है। ऐसे में अभिभावक को बच्चों से व्यवहार करते समय समझदारी दिखानी होगी। नकारात्मक बातों को गंभीरता से समझें। बच्चों को समझाएं, संभव हो तो उन्हें सोशल मीडिया से दूर रखें। बच्चों को अनुशासन, संस्कृति और परिवार के बारे में बताए। उनकी भावनाओं को समझें। माता पिता की जिम्मेदारी है कि वह अपने बच्चों से एक सा व्यवहार करें। उनकी जरूरतों को समझें। इस केस में छात्रा को मानसिक परेशानी रही होगी, जिसे परिजन समझ नहीं पाए।