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इमरजेंसी के दौरान इंदिरा गांधी से किशोर कुमार ने लिया था ‘पंगा’, खंडवा में पीएम मोदी ने किया जिक्र, पढ़िए पूरी कहानी

locationभोपालPublished: May 12, 2019 07:33:16 pm

Submitted by:

Pawan Tiwari

जब इंदिरा गांधी के समर्थन में गाने से किशोर कुमार ने कर दिया था मना, खंडवा में मोदी ने किया जिक्र

kishor kumar
भोपाल. आजादी के बाद इमरजेंसी को आजाद भारत का काला दिन कहा जाता है। आपातकाल के दौरान भी कई ऐसे लोग थे जो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समाने नहीं झुके थे। उन्हें खामियाजा भी भुगतना पड़ा था। प्रधानमंत्री मोदी ने एमपी के खंडवा में आयोजित चुनावी रैली के दौरान किशोर कुमार का जिक्र किया है।
पीएम मोदी के बयान जानने से पहले उस वाक्ये को जान लेते हैं जब गायक किशोर कुमार ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से पंगा ले लिया था। पूर्व पीएम इंदिरा गांधई ने 25 जून 1975 को देश में इमरजेंसी लागू की थी। इस दौरान उस समय के सूचना एवं प्रसारण मंत्री विद्या चरण शुक्ल ने गायक किशोर कुमार के गानों को दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो पर पूरी तरह से बैन करवा दिया था।
क्यों हुआ ऐसा
कहा जाता है कि किशोर कुमार अपने उसूलों के पक्के थे, वो जो सोच लेते थे वहीं करते। अपने इसी जिद के चलते उन्हें ये समय देखना पड़ा था। इमरजेंसी के दौरान कांग्रेस की हालत काफी खराब थी और किशोर कुमार उस समय काफी मशहूर गायक थे। इसलिए कांग्रेस चाहती थी कि किशोर कुमार इंदिरा गांधी के लिए गाना गाएं। किशोर कुमार इसके लिए तैयार नहीं हुए।
तीन साल तक उनके गानों पर रहा बैन
दूरदर्शन और आकाशवाणी पर किशोर कुमार के गाने तीन साल तक नहीं बजे। साथ ही नाराज कांग्रेस सरकार ने उनके घर पर आयकर विभाग के छापे भी डलवाए। लेकिन वे आपातकाल का समर्थन नहीं किए, साथ ही झुके भी नहीं।
अपनी धुन के पक्के किशोर कुमार ने एक बार कहा था कि कौन जाने वो क्यों आए लेकिन कोई भी मुझसे वो नहीं करा सकता जो मैं नहीं करना चाहता। मैं किसी दूसरे की इच्छा या हुकूम से नहीं गाता।
https://twitter.com/narendramodi?ref_src=twsrc%5Etfw
 

प्रधानमंत्री ने क्या कहा
मध्यप्रदेश के खंडवा में चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के मशहूर गायक किशोर कुमार जी तो इसी धरती के सपूत थे। इमरजेंसी के दौरान उन्होंने कांग्रेस के दबाव में आने से इनकार कर दिया था। बदले में कांग्रेस ने किशोर दा के गानों पर ही रोक लगवा दी थी। अब अगर आज कांग्रेस से पूछें, तो वो यही कहेंगे- हुआ तो हुआ।
गौरतलब है कि किशोर कुमार का जन्म 4 अगस्त 1929 को मध्यप्रदेश के खंडवा में हुआ था। उनका निधन 58 साल की उम्र में 13 अक्टूबर 1987 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा लता मंगेशकर पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।

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