
Waqf Board Property Survey in MP
Waqf Board Property Survey in MP: मध्य प्रदेश में वक्फ की संपत्तियों के सर्वे को लेकर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने आपत्ति ली है। जिसके बाद एमपी में सियासत गरमा गई है। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने जहां एक पत्र लिखकर इस सर्वे को रोकने की मांग की है, तो वहीं बीजेपी इस आपत्ति पर तंज करती नजर आई।
दरअसल विधायक आरिफ मसूद ने एक पत्र लिखकर इस सर्वे को रोकने की मांग की है। ये पत्र आरिफ मसूद ने जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल और मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव के साथ ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भी भेजा है। विधायक का कहना है कि वक्फ की जमीनों का सर्वे करने के लिए फॉलो किए जा रहे नियमों के कारण आने वासे समय में विवाद होगा।
बताते चलें कि मध्यप्रदेश सरकार ने JPC निर्देश के बाद एमपी में वक्फ की संपत्ति के सर्वे के निर्देश दिए हैं। जिसके बाद एमपी में सर्वे शुरु किया गया था।
विधायक (MLA) आरिफ मसूद का कहना है कि राजस्व गजट 1983 से 1989 प्रकाशित होने के बाद मध्य प्रदेश में मिसल बंदोबस्त हुआ था, जिससे राजस्व एंट्री मिलान करने में दिक्कत आना स्वाभाविक है। मांगी गई जानकारी में मध्य प्रदेश राज्य पत्र में दर्ज संपत्तियों में मुजावारों (वह मुसलमान जो किसी दरगाह पर रहकर सेवा कार्य करता हो) के नाम दर्ज हैं या उक्त भूमि शासकीय नामों के दर्ज हैं या अन्य व्यक्तियों के नाम दर्ज हैं।
विधायक का कहना है कि सच्चाई यह है कि वक्फ की जमीनों पर खसरों में 'वक्फ बोर्ड अहस्तांतरणीय' लिखा जाना आवश्यक है। वक्फ बोर्ड अहस्तांतरणीय नाम के दुरुस्तीकरण करने के लिए जबलपुर हाईकोर्ट में मामला लंबित है। कोर्ट में मामला होने के कारण फिलहाल इस बिंदु के संबंध में कोई भी जानकारी दिया जाना न्यायोचित नहीं होगा। सर्वे के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हुई है। भौतिक सत्यापन नहीं किया गया है।
कांग्रेस विधायक ने पूछा कि वक्फ कृषि भूमि दरगाहों और कब्रिस्तान के लिए लगी हुई हैं, उन पर कौन अवैध कब्जा करके खेती कर रहे हैं? वहीं मुजाविर द्वारा नोटरी करके जमीनों को अवैध रूप से बेचा जा रहा है।
कांग्रेस विधायक ने मुस्लिम संस्थानों से अपील की है कि वे वक्फ संपत्ति को लेकर किए जा रहे सर्वे पर अपने-अपने जिले में कलेक्टर को आपत्ति दर्ज करवाएं।
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की वक्फ जमीन का सर्वे रोकने की मांग पर मंत्री राकेश सिंह ने तंज किया है। उनका कहना है कि 'कुछ लोगों का काम आपत्तियां दर्ज कराना है।'
मंत्री ने आगे कहा कि 'वे राजनीति में ही आपत्तियां दर्ज कराने के लिए हैं। मेरा मानना है कि जब पारदर्शी तरीके से जांच होती है तो उसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।'
Updated on:
06 Feb 2025 04:06 pm
Published on:
06 Feb 2025 03:52 pm
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