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हवाला कांड: CM पर बढ़ा मंत्री के इस्तीफे का दबाव, कभी भी हो सकता है फैसला

नोटबंदी के बाद पहला ऐसा मामला है, जिसमें भाजपा के किसी मंत्री पर करोड़ों रुपए के लेन-देन में शामिल होने के गंभीर आरोप लगे हैं। प्रदेश के कई बड़े इस समय दिल्ली में सक्रिय हैं।

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Anwar Khan

Jan 16, 2017

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भोपाल। 500 करोड़ रुपए के हवाला केस से नाम जुडऩे के बाद मध्यप्रदेश के सूक्ष्म, लघु उद्योग मंत्री संजय पाठक का इस्तीफा अब लगभग तय माना जा रहा है। दरअसल सरकार पर न केवल कांग्रेस-आप ने पाठक के इस्तीफे के लिए सियासी दबाव बना रखा है, बल्कि भाजपा आलाकमान और संघ भी पाठक के हालिया बेतुके बयान से नाराज है। सूत्रों के मुताबिक ऐसे में माना जा रहा है कि भारी दबाव के बीच शिवराज सरकार कभी भी मंत्री से इस्तीफा ले सकती है। हालांकि अब तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कहते रहे हैं कि सिर्फ आरोप के आधार पर किसी का इस्तीफा नहीं लिया जा सकता, पर संघ की नाराजगी और पार्टी आलाकमान का पाठक के प्रति तल्ख रुख के चलते सीएम कभी भी मंत्री से इस्तीफा ले सकते हैं।




इस्तीफा का दबाव इसलिए बढ़ा
दरअसल दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, मध्यप्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बीच संजय पाठक को लेकर काफी गहन मंथन चला। संघ ने भी अपना रुख स्पष्ट कर दिया है कि भ्रष्टाचार के मामले में किसी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नोटबंदी के बाद पहला ऐसा मामला है, जिसमें भाजपा के किसी मंत्री पर करोड़ों रुपए के लेन-देन में शामिल होने के गंभीर आरोप लगे हैं। प्रदेश के कई बड़े इस समय दिल्ली में सक्रिय हैं।




सियासी दबाव भी बढ़ा
उधर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने मध्यप्रदेश के अलावा दिल्ली में भी संजय पाठक के इस्तीफे के लिए भाजपा आलाकमान पर दबाव बनाया हुआ है। दो दिन पहले ही कांग्रेस महासचिव अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कटनी हवाला केस में एमपी भाजपा के अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्ष सिंह का नाम लेते हुए गंभीर आरोप लगाए थे। नंदकुमार ने भले ही ये कहकर आरोपों को दरकिनार कर दिया हो कि उनके बेटे का इस पूरे मामले से कोई लेना-देना नहीं। पर, कांग्रेस इस जवाब से संतुष्ट नहीं है। क्योंकि हर्ष सिंह के मामले में अब तक भाजपा की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया।




पाठक के इन बयानों से संघ नाराज
तीन दिन पहले मंत्री संजय पाठक ने कुछ ऐसा कह दिया था, न केवल भाजपा, बल्कि संघ को भी नागवार गुजरा। दरअसल पाठक ने 500 करोड़ रुपए के हवाला मामले को उजागर करने वाले आईपीएस गौरव तिवारी के तबादले पर बयान देते हुए कहा था कि तिवारी के छह महीने के कार्यकाल में कटरी में स्मैक का धंधा चरम पर पहुंच गया था। लूट, चोरी और डकैती की घटनाएं भी बढ़ गईं थीं। उनके छह माह के कार्यकाल में गांजा बिकना बंद नहीं हुआ था।

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