
Priests start fasting
भोपाल। मठ मंदिरों और संत पुजारियों की समस्याओं के निराकरण की मांग को लेकर मप्र संत पुजारी महासंघ के बैनर तले मंगलवार से पुजारियों ने अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया हे। पुजारियों का कहना है कि हम लंबे समय से सरकार से संत पुजारियों की समस्याओं के निराकरण की मांग कर रहे हैं, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सरकार के इस रवैए के कारण पुजारियों में आक्रोश है, और यहीं स्थिति रही तो आने वाले चुनावों में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
अनशन पर बैठे पुजारी महासंघ के अध्यक्ष पं. नरेंद्र दीक्षित ने कहा कि आने वाले विधानसभा चुना में हम फतवा जारी करेंगे कि जो पार्टी अपने चुनावी घोषणापत्र में हमारी सभी मांगों को शामिल करेगी, उस पार्टी का हम खुलकर समर्थन करेंगे, अन्यथा नोटा के विकल्प को चुनेंगे। मप्र में 1 लाख 60000 मंदिर है, और हम मेहनत कर 10000 धर्माधिकारी तैयार कर रहे हैं। मंदिरों में बकायदा रजिस्टर रखे गए हैं आर वहां मतदाताओं को सलाह दी जाएगी कि किसे वोट करना है।
महासंघ के जिलाध्यक्ष पं. रूपनारायण शास्त्री ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज चौहान को पुजारी महासंघ में उज्जैन में ज्ञापन दिया था, महाकाल के गर्भगृह में मुख्यमंत्री ने महाकाल को साक्षी मानकर हमारी सारी मांगे मान ली थी, उन्हीं मांगों के आदेश जारी अब तक नहीं हुए। जब तक ये आदेश जारी नहीं होते तब तक हमारा अनशन जारी रहेगा। इसके बाद भी सरकार मांग नहीं मानती है तो हम उग्र आंदोलन करेंगे, जिसकी जवाबदेही सरकार की होगी। अनशन में बड़ी संख्या में संत पुजारी उपस्थित थे।
सेवा बहाली के लिए आमरण अनशन जारी
भोपाल। संविदा प्रेरक मोर्चा की ओर से 20 सितंबर से शुरू हुआ अनशन मंगलवार को भी जारी रहा। संविदा प्रेरक मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष राजू जाट सिरोही भोजन का त्याग कर फलों के रस पर रहकर विरोध दर्ज करा रहे हैं। राज्य शिक्षा केन्द्र के सामने धरना दे रहे संविदा प्रेरकों ने शासन से सिरोही के स्वास्थ्य जांच की मांग की लेकिन कोई चिकित्सक नहीं पहुंचा। साक्षरता संविदा प्रेरक मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी संदीप गुप्ता ने बताया कि सेवा से निकाले गए प्रदेश के 33800 साक्षरता संविदा प्रेरकों का अक्टूबर 2017 से लेकर अब तक का मानदेय नहीं मिला है वर्तमान में प्रेरकों को न्यूनतम मजदूरी से भी बहुत कम मानदेय मिल रहा था। प्रदेश में जहां एक कुशल श्रमिक को 200 रुपए से अधिक न्यूनतम वेतन प्रतिदिन मिलता है वहीं साक्षरता संविदा प्रेरको को 66.66 पैसे प्रतिदिन मिलता है जबकि वह शिक्षक के पूरक के रूप में काम करता है।
Published on:
26 Sept 2018 05:01 am
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