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support price in the state पर इधर गेहूं की खरीदी, उधर बिक्री की तैयारी

- साढ़े सात लाख मीट्रिक टन गेहूं की बेचने जारी की निविदा पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू पत्रिका समाचार- 30 लाख मीट्रिक टन गेहूं खुले बाजार में बेचेगी सरकार

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भोपाल

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Ashok Gautam

Apr 07, 2022

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भोपाल। प्रदेश में इधर support price पर गेहूं के उपार्जन का काम शुरू किया है, वहीं अब साढ़े सात लाख मीट्रिक टन गेहूं बेचने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए सरकार ने निविदा भी जारी कर दी है। ये गेहूं पिछले वर्ष का है। सरकार ने किसानों को साधने के लिए 37 लाख मीट्रिक टन गेहूं तय गुणवत्ता के मानदंडों से नीचे खरीदा गया था, जिसमें से साढ़े सात लाख मीट्रिक टन गेहूं बेचा जा चुका है। इसके चलते केन्द्र सरकार ने इसे लेने से मना कर दिया था। अब सरकार इस गेहूं को मार्च तक खुले बाजार में बेचने की तैयारी कर रही है। हालांकि यूक्रेन और रसिया युद्ध के चलते प्रदेश से wheat export की संभावनाएं बढ़ गई हैं। इसके चलते वर्तमान में गेहूं की कीमतें दो हजार क्विंटल से ऊपर हो गया है।
प्रदेश से गेहूं खरीदने के संबंध में आईटीसी सहित कई बड़ी कंपनियों ने रूचि दिखाई है। इसके चलते सरकार का मानना है कि केन्द्र सरकार ने जो गेहूं लेने से मना कर दिया है, उसे वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए बाजार में अच्छी कीमतों पर बेचा जा सकता है। इसकी मुख्य वजह यह है कि यूक्रेन और रसिया दोनों की सबसे ज्यादा गेहूं का निर्यात करते हैं। दोनों ही देशों में इस वर्ष गेहूं का उत्पादन नहीं हुआ है। इसके अलावा अन्य देशों की तुलना में प्रदेश का गेहूं सस्ता और बेहतर है। ज्यादा मात्रा में गेहूं बेचने पर यह कारोबारियों के माध्यम से खरीदी केन्द्रों तक दूसरे रास्ते होकर नहीं पहुंच पाएगा।


बाजार दरें ज्यादा होने से खरीदी कम
खुले बाजार में गेहूं की कीमतें ज्यादा होने से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी इस वर्ष बहुत कम हो पा रही है। पिछले वर्ष की तुलना इस वर्ष से की जाए तो पिछले वर्ष तीन लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था, जबकि इस वर्ष अभी तक सिर्फ 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं पूरे प्रदेश में खरीदा गया है। एक दर्जन जिलों में एक क्विंटल भी गेहूं की खरीदी नहीं हो पाई है। इसके चलते जहां सरकार सौ लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी का अनुमान लगा रही थी वहीं अब 50 लाख मीट्रिक टन का अनुमान लगा रही है। इसके साथ ही गेहूं खरीदी मानदंड भी इस वर्ष कड़े कर दिए गए हैं।

गोदामों की समस्या होगी दूर
सरकार अगर गेहूं बेचने में सफल होती है तो गोदामों की समस्या दूर हो जाएगी। क्योंकि प्रदेश में अभी भी बंद गोदामोंं की भारी समस्या है। कई जिलों में खुले कैप में गोदाम बनाए गए हैं। क्योंकि बंद गोदामों भरे होने से सरकार ने इस विकल्प को तैयार किया है। अगर गेहूं की खरीदी और बिक्री के अनुमान के अनुसार हुई तो सरकार गोदामों का संकट दूर हो जाएगा और आर्थिक बोझ भी कम हो जाएगा।