
10 करोड़ से हो रही बीआरटीएस कॉरीडोर की रंगाई पुताई
ऐसे में जागरुकता आने की बजाय लोगों ने फाटक तोड़ेने के साथ ही इसे शार्टकट बना लिया
भोपाल. बीआरटीएस कॉरीडोर के टूटे फाटक, बेरंग रैलिंग, सडक़ पर गड्ढे इसकी नई स्टॉप व्यवस्था, टिकट मशीन, मोबाइल एप से लोकेशन व्यवस्था को धब्बा लगा रही थी। इसको लेकर कई बार मामला सामने आया। लोगों ने सुविधा के अनुसार कई रैलिंग निकाल ली तो कई तोड़ दी है, जिससे दुर्घटनाएं तक हो चुकी हैं।
लोगों की इस समस्या को ध्यान में रखते हुए शासन ने इसके जीर्णोद्धार के लिए 10 करोड़ रुपए सेंशन किया है। इससे इसका रंगाई-पुताई का काम भी शुरू हो चुका है। इसमें सबसे अधिक समस्या टूटे फाटक से होती है। इससे वाहनों के लिए प्रतिबंधित कॉरीडोर में भी वाहन घुस जाते हैं, जिससे कई हादसे हो चुके हैं।
बीसीएलएल के अधिकारियों के अनुसार फाटक लगाने का उद्देश्य अन्य वाहनों का प्रवेश रोकने के साथ ही लोगों को यह संदेश भी देना था कि कुछ समय में बंद फाटक होने से लोग इसमें नहीं जा सकेंगे। ऐसे में जागरुकता आने की वजाय लोगों ने फाटक तोड़ेने के साथ ही इसे शार्टकट बना लिया। छोटे स्तर पर मेंटेनेंस का काम तो हर साल होता हैं, लेकिन अब मिसरोद से बैरागढ़ तक पूरे 21 किलोमीटर लम्बे कॉरीडोर का विकास हो रहा है।
यह होगा काम
स्वीकृत 10 करोड़ रुपए के बजट से कॉरीडोर की 21 किलोमीटर सडक़ का विकास, रैलिंग की रंगाई-पुताई के साथ ही टूटी रैलिंग बदली जाएगी। फाटक दुरुस्त किए जा रहे हैं। सभी मोड़ पर चेतावनी बोर्ड आदि लगाए जाना है।
लम्बे समय से कॉरीडोर के मेंटेनेंस, सडक़ के गड्ढों को लेकर शिकायत आ रही थी। इसके लिए हमने 10 करोड़ की लागत से कॉरीडोर का नवीनीकरण करने के लिए बजट सेंशन किया है। सभी मोड़ पर चेतावनी बोर्ड आदि लगाए जाना है। पहले स्मार्ट स्टॉप नहीं थे, अब विकास होने से यह पहले से बेहतर हो जाएगा।
- संजय सोनी, पीआरओ बीसीएलएल
Published on:
01 Nov 2018 03:03 am
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