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प्रो. रमानाथ मिश्र और प्रो. विदुला जायसवाल को डॉ. वाकणकर राष्ट्रीय सम्मान

संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर ऑनलाइन प्रो. रमानाथ मिश्र और प्रो. विदुला जायसवाल को करेंगी सम्मानित

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भोपाल. राज्य शासन द्वारा डॉ. विष्णुधर वाकणकर राष्ट्रीय सम्मान 2014-15 प्रसिद्ध पुरातत्वविद एवं इतिहासकार डॉ. रमानाथ मिश्र (लखनऊ) और डॉ. विष्णुधर वाकणकर राष्ट्रीय सम्मान 2015-16 प्रोफेसर विदुला जायसवाल (वाराणसी) को देने का निर्णय लिया गया है।

संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री ऊषा ठाकुर 6 अगस्त को डॉ. मिश्र को और 7 अगस्त को प्रोफेसर जायसवाल को ऑनलाइन सम्मानित करेंगी। संस्कृति मंत्री की तरफ से यह राष्ट्रीय सम्मान पुरातत्व अधिकारी डॉ. रमेश यादव लखनऊ और वाराणसी में प्रदान करेंगे।

दरअसल संस्कृति विभाग द्वारा पुरासंपदा के संरक्षण एवं पुरातात्विक संस्कृति के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर की उत्कृष्ट प्रतिभा को सम्मानित और प्रोत्साहित करने के लिये सुप्रसिद्ध पुरातत्वविद डॉ. विष्णुधर वाकणकर की स्मृति में राष्ट्रीय सम्मान स्थापित किया है। पद्मश्री डॉ. वाकणकर ने सन्-1957 में मध्यप्रदेश के विश्व-धरोहर स्मारक समूह भीमबैठका की खोज की थी।

अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त प्रो. रमानाथ मिश्र के पुरातत्व और कला अध्ययन के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान को देखते हुए यह सम्मान दिया जा रहा है। प्रोफेसर विदुला जायसवाल के पुरातत्व के क्षेत्र में 20 से अधिक ग्रंथ एवं राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय जर्नल्स में 75 से अधिक प्रकाशित शोध-पत्र तथा पुरापाषाण पुरातत्व, नृ-कला-इतिहास के क्षेत्र में किये गए कार्यों को देखते हुए यह सम्मान दिया जा रहा है।