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टंडन के राज्यपाल रहते बना रिकार्ड, अब अफसर हुए पुरुस्कृत

बेहतर योगदान देने वाले छह अफसरों को सम्मानित किया राज्यपाल ने

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भोपाल। लाल जी टंडन के राज्यपाल रहते हुए मध्यप्रदेश में बने रिकार्ड पर राज्यपाल (governor) मंगुभाई पटेल ने अफसरों के काम-काज को सराहा। साथ ही लिम्का बुक ऑफ रिकार्डस 2022-23 में लार्जेस्ट कलेक्टिव रीडिंग-सिंगलथीम-मल्टीपल वेन्यू के कीर्तिमान में मध्यप्रदेश का नाम दर्ज होने पर उत्कृष्ट योगदान देने वाले 6 अधिकारियों को राजभवन में सम्मानित (rewarded) किया। राज्यपाल ने अधिकारियों को प्रशंसा-पत्र और लिम्का बुक ऑफ रिकार्डस द्वारा जारी प्रमाण-पत्र भेंट किया।

सम्मानित होने वाले अधिकारियों में अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा केसी गुप्ता, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि अरूण शमी, राज्यपाल के तत्कालीन सचिव मनोहर दुबे, राज्यपाल के प्रेस अधिकारी अजय वर्मा और राजभवन के पुस्तकालयाध्यक्ष अमित दीक्षित शामिल थे। तत्कालीन राज्यपाल के अपर सचिव अभय वर्मा मुख्यालय से बाहर होने के कारण कार्यक्रम में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हुए थे।

मालूम हो कि लिम्का बुक ऑफ रिकार्डस-2022 में वर्ष 2019 में गांधी जयंती के 150 वें वर्ष के प्रसंग में तत्कालीन राज्यपाल लालजी टंडन के निर्देशन में प्रदेश के 51 जिलों के 5 लाख 48 हज़ार विद्यार्थियों द्वारा महात्मा गांधी की पुस्तकों "हिन्द स्वराज" और "सत्य के साथ मेरे प्रयोग" का 25 सितंबर से 2 अक्टूबर की अवधि में एक विषय का अनेक स्थानों पर सर्वाधिक सामूहिक वाचन को कीर्तिमान में दर्ज किया गया है।

टंडन को याद किया राज्यपाल ने
राजभवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने मध्यप्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल स्व. लालजी टंडन का स्मरण करते हुए कहा कि उनकी पहल का कीर्तिमान बनने पर उनकी आत्मा को भी संतोष मिला होगा। गांधी साहित्य के अध्ययन से छात्र-छात्राएँ गांधी चिंतन के आदर्श और व्यवहारिक उपयोगिता से परिचित और प्रेरित हुए होंगे। उन्होंने कहा कि गांधी जी के विचारों को नई पीढ़ी में प्रसारित करने की पहल का कीर्तिमान बनना अधिकारियों की दृढ़ इच्छा-शक्ति, समन्वय और लगन के साथ किए गए प्रयासों की उपलब्धि है।