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Good News : आरबीआइ की पीटीपीएफ योजना में आसानी से मिलेगा लोन, प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट में भी किया बड़ा बदलाव

Good News for farmers : अगर आप भी किसान हैं या फिर व्यापारी आपको अब लोन के लिए बैंक के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे..जल्दी और आसानी से लोन मिल सकेगा, इसके लिए आरबीआइ ने नई योजना तैयार की है...आपको बता दें कि पूरे मध्य प्रदेश में ऐसे हजारों किसान हैं जो लोन लेने के लिए किए जाने वाले लेंदी प्रोसेस के कारण लोन नहीं ले पाते और आगे नहीं बढ़ पाते...

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RBI Good News for farmers and businessmen : किसानों और छोटे व्यवसायियों को जल्द ही आसानी से कर्ज मिल सकेगा, इसके लिए आरबीआइ ने नई योजना तैयार की है। रिजर्व बैंक किसानों व एमएसएमई को आसान कर्ज उपलब्ध कराने के लिए यूपीआइ जैसा प्लेटफॉर्म लाने की तैयारी में है। प्रस्तावित क्रेडिट डिस्बर्सल प्लेटफॉर्म उसी तरह से काम करेगा, जैसे डिजिटल पेमेंट के लिए यूपीआइ काम करता है। इससे किसानों और एमएसएई के लिए लोन की प्रक्रिया सरल हो जाएगी। अभी किसानों को एग्रीकल्चर लोन या किसान क्रेडिट कार्ड लेने के लिए बैंकों के चक्कर काटने पड़ते हैं।

आरबीआइ ने कहा, पब्लिक टेक प्लेटफॉर्म फॉर फाइनेंशियल क्रेडिट यानी पीटीपीएफसी के जरिए यह संभव हो सकता है। डिजिटल इंटरफेस के जरिए कंज्यूमर लोन अब आम है, लेकिन अभी किसानों को कर्ज लेने के लिए बैंकों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। अभी पीटीपीएफसी एग्री लोन, किसान क्रेडिट कार्ड, एमएसएमई लोन जैसे प्रोडक्ट पर काम कर रहा है। इस प्लेटफॉर्म के साथ कर्ज देने वाले बैंकों, वित्तीय संस्थानों व स्टार्टअप को जोड़ा जा सकता है। इस प्लेटफॉर्म के जरिए अब तक 3,500 करोड़ रुपए के लोन बांटे गए हैं।

रिजर्व बैंक ने पीपीआइ यानी प्रीपेड पेमेंट इंटस्ट्रूमेंट्स को लेकर भी अहम बदलाव किया है। अब बिना केवाईसी वाले कार्ड और वॉलेट से ट्रेन, मेट्रो रेल, बस, टोल, पार्किंग आदि का पेमेंट किया जा सकेगा। आरबीआइ ने बैंकों और गैर-बैंकिग संस्थानों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के भुगतान के लिए पीपीआइ (प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट) जारी करने की इजाजत दे दी है। इससे यात्रियों के पास अब बस-ट्रेन आदि का किराया देने के लिए नकद भुगतान के अलावा अन्य विकल्प भी होंगे। पीपीआइ केवल पब्लिक ट्रांसपोर्ट का किराया देने में काम आएंगे। इसमें नकद निकासी, रिफंड या फंड ट्रांसफर की अनुमति नहीं होगी। पीपीआइ में बकाया राशि किसी भी समय 3,000 रुपए से अधिक नहीं होगी।