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परीक्षाएं नहीं हो रही फिर भी आरजीपीवी ने मांगी परीक्षा फीस

इंजीनियरिंग विद्यार्थियों को शैक्षणिक सत्र खराब होने का डर

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भोपाल। प्रदेश सरकार ने भले ही प्रदेश के परंपरागत एवं तकनीकी पाठ्यक्रम के 17 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन देने की घोषणा कर दी है लेकिन विद्यार्थियों की मुसीबत अभी खत्म नहीं हुई है। आरजीपीवी प्रबंधन की ओर से जारी नए निर्देश में विद्यार्थियों से कहा गया है कि वह चालू शैक्षणिक सत्र की परीक्षा फीस विश्वविद्यालय प्रबंधन के खाते में जमा करवाएं अन्यथा उन्हें डिफॉल्टर माना जाएगा।

विश्वविद्यालय प्रशासन के इस निर्देश से विद्यार्थियों में असमंजस और भय का माहौल निर्मित हो गया है। सरकार की घोषणा के बाद विद्यार्थियों में खुशी की लहर थी कि इस साल परीक्षा शुल्क के नाम पर मोटी रकम जमा नहीं करनी होगी। आरजीपीवी प्रबंधन के नए फरमान के बाद इंजीनियरिंग करने वाले तीन लाख से अधिक विद्यार्थियों को 5 से 10 हजार रुपए तक परीक्षा शुल्क विश्वविद्यालय प्रशासन के खाते में जमा कराना होगा जिसकी अंतिम तारीख दो जुलाई निर्धारित की गई है। इस मामले में आरजीपीवी प्रबंधन की ओर से स्पष्ट किया गया है कि विद्यार्थियों की परीक्षा शुल्क को लेकर सरकार की तरफ से अभी तक किसी प्रकार की कोई घोषणा नहीं की गई है। विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन दिए जाने का फैसला लिया गया है इसलिए सभी प्रकार के शुल्क जमा करवाए जा रहे हैं।

कॉलेज प्रबंधन को छूट
आरजीपीवी के फरमान का असर प्रदेश के शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज प्रबंधकों की कार्यप्रणाली पर भी पड़ रहा है। कॉलेज प्रबंधन अपने हिसाब से विद्यार्थियों से शुल्क वसूल रहे हैं। कई स्थानों पर विद्यार्थियों को चेतावनी दी गई है कि शुल्क जमा करके एनओसी नहीं ली गई तो जनरल प्रमोशन की कार्रवाई से वंचित किया जा सकता है।

सरकार के स्पष्ट निर्देश
सीएम ने पिछली बैठक में स्पष्ट कर दिया था कि विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन देने की गाइडलाइन तैयार की जा रही है एवं किसी को भी इस प्रक्रिया से वंचित नहीं किया जा सकेगा। वहीं कुलपति सुनील कुमार गुप्ता ने कहा कि शैक्षणिक सत्र के सभी शुल्क लिए जाने की कार्रवाई नियमानुसार ही हो रही है। इस मामले में आगे जैसे निर्देश मिलेंगे वैसी कार्रवाई होगी।