scriptसुपरवाइजर बोला-उधार में ठेकेदार से करवा रहे हैं काम | road news | Patrika News

सुपरवाइजर बोला-उधार में ठेकेदार से करवा रहे हैं काम

locationभोपालPublished: Aug 27, 2021 01:34:58 am

Submitted by:

Sumeet Pandey

फिर शुरू हुआ सड़कों का घटिया रेस्टोरेशन, एक बारिश में फिर हो जाएंगे गड्ढे

सुपरवाइजर बोला-उधार में ठेकेदार से करवा रहे हैं काम

सुपरवाइजर बोला-उधार में ठेकेदार से करवा रहे हैं काम

भोपाल. शहर की सड़कों की खराबी पर मुख्यमंत्री भले ही कितनी भी नाराजगी जताएं, निर्माण एजेंसियों पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ता। यहां सड़कों के सुधार का काम बेहद घटिया गुणवत्ता के साथ किया जा रहा है। स्थिति यह है कि सड़क पर डामर करने के दौरान जरूरी थर्मामीटर तक साथ नहीं रखा जा रहा। ठंडे डामर ही जीरा गिट्टी में मिलाकर बिछाया जा रहा है। थोड़ा भी पानी आया तो यह परत हट जाएगी। इससे निकली गिट्टी और परेशानी की वजह बनेगी। सड़क की मरम्मत का काम रहे अफसरों से पूछताछ की गई तो उन्होंने बेहद ही चौंकाने वाला जवाब दिया।
चूना भट्टी पर बनाई जा रही रोड को लेकर यहां के सुपरवाइजर से पूछा गया कि आपका थर्मामीटर कहां है और तकनीकी मापदंडों का यहां पर उपयोग कर रहे हैं तो वे जवाब दिए बिना ही जाने लगे। जब बार बार उनसे तकनीकी मापदंडों पर सवाल किए गए तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि हम तो उधारी में ठेकेदार से काम करवा रहे हैं और थर्मामीटर थोड़ी देर बाद आ रहा है। सिविल एक्सपर्ट बीके चुघ का कहना है कि इंडियन रोड कांग्रेस द्वारा मापदंड तय किए गए हैं। इसके लिए रोड थरमामीटर साथ रखकर ही काम करना चाहिए।
ये हंै जिम्मेदार
जीपी वर्मा- ये पीडब्ल्यूडी के शहर क्षेत्र के अधीक्षण यंत्री हैं शहर की बनने वाली और दुरुस्त होने वाली सभी सड़कों का जिम्मा इन्हीं के पास है।


सड़कों का रखरखाव काम चल रहा है और इसे बेहतर गुणवत्ता के साथ कराने की कोशिश है। काम की गुणवत्ता को लेकर टीम लगातार काम कर रही है।
जीपी वर्मा, अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण विभाग

पत्रिका व्यू
राजधानी मेंं सड़कों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है। खुद मुख्यमंत्री ने नाराजगी दिखाई तो संबंधित सभी विभागों का अमला ऐसे सड़कों पर आया मानो एक ही दिन में सारे दाग दूर कर देंगे। लेकिन जैसे ही मुख्यमंत्री का ध्यान हटा अधिकारी फिर भर्राशाही पर उतर आए और मेंटेनेंस के नाम पर जो किया उसने अब हादसों को निमंत्रण दे दिया है। क्या मुख्यमंत्री जब बैठक करेंगे तब ही सिर्फ सड़कों पर ध्यान दिया जाएगा। इतना बड़ा अमला है फिर भी विभाग क्या साबित करना चाहते हैं?
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो