
Robotic Spine Surgery System
MP News : राजधानी भोपाल में सड़क हादसे में युवक की रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। पैरालाइसिस की आशंका के बीच मरीज की सर्जरी 20 करोड़ की लागत से लगाए गए रोबोटिक स्पाइन सर्जरी सिस्टम(Robotic Spine Surgery System) से की गई। सर्जरी के दौरान एक समय ऐसा आया कि स्क्रू तय स्थान से थोड़ी दूर पर रखा था, इसकी जानकारी मिलते ही रोबोट का हैंडल रुक गया, फिर सही जगह पर रखने पर दोबारा काम करने लगा। यानी चूक की संभावना को रोबोट ने खत्म कर दिया। इससे सर्जरी सटीक हुई व मरीज 24 घंटे बाद चलने लगा। सर्जरी ऑर्थोपेडिक विभाग के डॉ. वीके वर्मा और डॉ. पंकज मिश्रा ने एनेस्थीसिया विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. वैशाली और डॉ. जेपी शर्मा का विशेष सहयोग से की गई।
● रोबोट सभी रिपोर्ट फीड होती है। सर्जरी के दौरान भी रोबोट बॉडी स्कैन करता रहता है, जो डॉक्टर को स्क्रीन पर नजर आता है। जिससे सटीक स्थान पर सिर्फ 4 एमएम का महीन चीरा लगाना पड़ता है।
● सर्जरी के वक्त रोबोट स्क्रू व प्लेट लगाने का स्थान और यह सही जगह लग रहा है या नहीं साथ साथ बताता रहता है। जिससे 99 फीसदी की एक्यूरेसी मिलती है।
● छोटा चीरा लगने के कम रक्त स्राव, कम दर्द और घाव जल्द भरता है।
● रोबोट प्लानिंग से लेकर सर्जरी में सहयोग करता है।
● दो घंटे में पूरी हो जाती है।
● रोबोट में लगे कैमरे की मदद से आसानी से वहां तक पहुंचा जा सकता है।
● सर्जरी की शुरुआत स्कैन रिपोर्ट के आधार पर अंदाज से बड़ा चीरा लगाने से होती है।
● अंदाजे से ही स्क्रू और प्लेट लगा टूटी स्पाइन को जोड़ते हैं। सर्जरी सफल है या फेल यह ऑपरेशन के बाद दोबारा जांच से पता चलता है।
● बड़ा चीरा होने से ज्यादा खून निकलता और तेज दर्द होता है।
● पूरी सर्जरी सर्जन के अनुभाव पर निर्भर करती है।
● 4 से 5 घंटे लगते हैं।
● शरीर में कई ऐसे स्थान होते हैं जहां पहुंचना मुश्किल होता है।
इस नई तकनीक से जन्मजात रीढ़ के टेढ़े पन से ग्रसित बच्चों की सर्जरी की जाएगी। वर्तमान में ऐसे बच्चों की सर्जरी में गर्दन से लेकर कमर तक चीरा लगाना पड़ता है। नई तकनीक से छोटे चीरे लगेंगे, जिससे बच्चों की सुरक्षित सर्जरी कर उनका भविष्य बेहतर होगा।- डॉ. अजय सिंह, निदेशक, एम्स भोपाल
Published on:
09 Mar 2025 08:40 am
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