scriptबुर्के पर प्रतिबंध के समर्थन में आईं प्रज्ञा, बोलीं: एयरपोर्ट पर जांच में धर्म क्यों नहीं आता आड़े | Sadhvi Pragya thakur support no burka means burqa ban | Patrika News

बुर्के पर प्रतिबंध के समर्थन में आईं प्रज्ञा, बोलीं: एयरपोर्ट पर जांच में धर्म क्यों नहीं आता आड़े

locationभोपालPublished: May 02, 2019 02:03:03 am

– श्रीलंका में बुर्के पर प्रतिबंध के बाद नई बहस…

pragya thakur

pragya thakur

भोपाल। श्रीलंका में चर्च में सीरियल ब्लास्ट के बाद बुरके पर लगाया गए प्रतिबंध का मुद्दा भोपाल की चुनावी राजनीति में भी गर्मा गया है। भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर ने सवाल उठाया है कि बुरका पहनना अगर धर्म का विषय है, तो फिर एयरपोर्ट पर या विदेश में होने वाली जांच में धर्म आड़े क्यों नहीं आता, वहां तो बुरका हटाया जाता है।
प्रज्ञा ने कहा, देश सर्वोपरि होना ही चाहिए। अगर आंतकवादी बुरके का लाभ उठाते हैं और देश को हानि पहुंचती है तो उसमें हमें देश को सर्वोपरि रखकर हमारी कुछ परंपराओं को थोड़ी ढील देना चाहिए। उन्होंने ऐसे मामलों में समयानुसार निर्णय लेना चाहिए।
चुनाव के समय भी यह निर्णय लेना चाहिए, बुरका हटाकर ही मतदान करना चाहिए। प्रज्ञा ने कहा, अगर कुछ गलत होता है तो आपका ही पंथ बदनाम होगा, इसलिए बुरके के मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा के हिसाब से निर्णय लिया जाना चाहिए।
इन देशों में है बुर्का बैन –

: फ्रांस यूरोप का पहला ऐसा मुल्क है जिसने बुर्के को बैन करने का कदम उठाया। 2004 में इसकी शुरुआत हुई, पहले स्कूलों में धार्मिक चिन्हों पर रोक लगी। 2011 में सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर बुरके को पूरी तरह बैन कर दिया., ऐसा करने पर 150 यूरो का जुर्माना है।कोई अगर महिलाओं को जबरन बुरका पहनाएगा तो उस पर 30 हजार यूरो तक का जुर्माना हो सकता है।
: इटली में राष्ट्रीय स्तर पर तो बैन नहीं है, लेकिन 2010 में नोवारा शहर ने अपने यहां प्रतिबंध लगाया। हालांकि अभी बुरका पहनने पर किसी तरह की सजा नहीं है और कुछ राज्यों में बुरकीनी पहनने पर रोक है।
: बेल्जियम ने भी 2011 में बुरका बैन कर दिया, बुरका पहनने पर महिलाओं को 7 दिन की जेल या 1300 यूरो तक का जुर्माना हो सकता है।

: डेनमार्क में बुर्के और नकाब को लेकर नया कानून बना और अब नए कानून में सार्वजनिक स्थलों पर पूरे चेहरे पर इस्लामी नकाब या बुर्का पहनने पर बैन है। चेहरा छिपाने वाले वाले शख्स पर 157 डॉलर यानी साढ़े दस हजार रुपए का जुर्माने का प्रावधान है।
: कॉन्गो ने पूरे चेहरे को ढकने पर बैन लगा रखा है, 2015 से यह प्रतिबंध लागू है।

: हॉलैंड ने 2015 में बुरके पर बैन लगाया, लेकिन यह बैन स्कूलों, अस्पतालों और सार्जवनिक परिवहन तक ही सीमित है। सभी जगहों पर इसे लागू नहीं किया गया है।
: स्विट्जरलैंड ने 1 जुलाई 2016 को टेसिन इलाके में बुरके पर प्रतिबंध लगाया, इसका उल्लंघन करने पर 9200 यूरो तक का जुर्माना हो सकता है।

: जर्मनी में जून 2017 से बुरके और नकाब पर रोक है लेकिन ऐसा सिर्फ सरकारी नौकरियों और सेना पर लागू होता है। इसके अलावा ड्राइविंग के दौरान भी चेहरा ढंकने की अनुमति नहीं है, जर्मनी की एएफडी पार्टी लगातार बुरके पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की मांग कर रही है।
: स्पेन के कैटेलोनिया इलाके में कई जिलों में बुरके और नकाब पर 2013 से ही प्रतिबंध है। कई राज्यों में कोशिश हुई तो सुप्रीम कोर्ट ने इसे धार्मिक आजादी का उल्लंघन मानते हुए पलट दिया, लेकिन यूरोपीय मानवाधिकार कोर्ट का फैसला है कि बुरके पर बैन मानवाधिकार उल्लंघन नहीं है। इसी आधार पर कई जिलों ने इस बैन को लागू किया हुआ है।
: मुस्लिम बहुल आबादी वाले तुर्की में 2013 तक सरकारी संस्थानों में बुरका या हिजाब पहनने पर रोक थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। महिलाएं अपना सर और चेहरा ढंकते हुए भी वहां जा सकती हैं। बस अदालत, सेना और पुलिस में ऐसा करने की अनुमति अब भी नहीं है।
: अफ्रीकी देश चाड में बुरके पर प्रतिबंध लगाया गया है, चाड के प्रतिबंध लगाने के एक महीने बाद ही उसके पड़ोसी कैमरून ने भी नकाब और बुरका बैन कर दिए। हालांकि यह सिर्फ पांच राज्यों में ही प्रभावी है.आतंकवाद प्रभावित दीफा इलाके में बुरका प्रतिबंधित है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो