
salary hike
मध्यप्रदेश में न्यूनतम वेतन पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है। कोर्ट ने प्रदेश के संगठित और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों तथा आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए संशोधित वेतन लागू करने पर लगा स्टे खारिज कर दिया है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ के इस फैसले के साथ ही प्रदेश के लाखों मजदूरों और आउटसोर्स कर्मचारियों की वेतन वृद्धि का रास्ता साफ हो गया है। कोर्ट के फैसले के बाद मजदूरों को करीब 17 सौ से लेकर 25 सौ रुपए तक का मासिक लाभ होगा। मजदूर और आउटसोर्स कर्मचारी संगठनोें ने सोमवार को कोर्ट का निर्णय सामने आते ही जीत का जश्न मनाया।
हाइकोर्ट की इंदौर खंडपीठ के न्यायाधीश विवेक रुसिया और गजेंद्र सिंह की बैंच ने न्यूनतम वेतन पर लगे स्टे को खारिज कर दिया है। वेतन वृद्धि के विरोध में पीथमपुर औद्योगिक संगठन और एमपी टेक्सटाइल मिल एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी जिसपर कोर्ट ने स्टे दे दिया था। हाईकोर्ट ने अब वेतन वृद्धि की प्रक्रिया को उचित मानते हुए स्टे हटा दिया है।
एमपी में 10 वर्ष के बाद वेतन पुनरीक्षण समिति की सिफारिश के आधार पर अप्रैल 2019 के बजाय अप्रैल 2024 से न्यूनतम वेतन देने की घोषणा की गई थी। उस पर भी कुछ कारखाना मालिकों ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ से न्यूनतम वेतन देने पर स्टे ले लिया था।
हाइकोर्ट द्वारा अब स्टे खारिज कर देने से लाखों मजदूरों व आउटसोर्स कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। मजदूर संगठनों के पदाधिकारियों ने इस निर्णय को मजदूर एकता की जीत बताया है। विभिन्न कारखानों में काम करने वाले मजदूरों और सरकारी महकमे में काम करने वाले आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को अब हर महीने करीब 1700 से लेकर 2500 रुपए तक वेतन वृद्धि देनी होगी।
Updated on:
04 Dec 2024 05:40 pm
Published on:
04 Dec 2024 05:39 pm
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
