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सौरभ के बहनोई का निकला प्लाट, जहां खड़ी थी सोने और कैश से लदी कार, पत्रिका पड़ताल में नया खुलासा

Saurabh Sharma Case: गुना में रहने वाले सौरभ के राजदार हेमंत के पास पहुंचा पत्रिका, धीरे-धीरे खुलती जा रही सौरभ शर्मा के मददगारों की परतें, मौसा भी रह चुके हैं डीएसपी...

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Saurabh Sharma Case

Saurabh Sharma Case New Disclosure: परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के मददगारों की परतें धीरे-धीरे खुलती जा रही हैं। सौरभ के मामा और मौसा पुलिस विभाग में डीएसपी रह चुके। उनकी ग्वालियर क्षेत्र में अकूत संपत्ति है। भोपाल के मेंडोरा के जिस प्लॉट पर सोने और नोटों से भरी कार मिली, वह सौरभ के रिश्ते में बहनोई का है। यह प्लॉट सौरभ के मौसा रिटायर्ड डीएसपी मुनीष राजौरिया के दामाद विनय हसवानी का है।

मामले की छानबीन में जुटे अफसरों के अनुसार जांच में पता चला है कि सौरभ के नाना डीएफओ थे। उनकी दो बेटियां और एक बेटा था। एक बेटी उमादेवी सौरभ की इस ह्रश्वलॉट पर खड़ी थी कार। मां है। दूसरी बेटी की शादी ग्वालियर के मुनीष राजौरिया से हुई। मुनीष हाल में डीएसपी से रिटायर हुए। सौरभ के मौसा मुनीष राजौरिया की बेटी की शादी 2018 में विनय हसवानी से हुई।

विनय के मेंडोरा प्लाट पर ही वह कार मिली थी, जिसमें 52 किलो सोना और 11 करोड़ कैश मिला। कार सौरभ के राजदार चेतन सिंह गौड़ के नाम रजिस्टर्ड है। सौरभ के मामा अरुण खेमरिया भी डीएसपी थे। जांच में पता चला कि मुनीष राजौरिया और अरुण खेमरिया के सौरभ से प्रॉपर्टी कारोबार के रिश्ते भी रहे।

सौरभ ने पडौरा चेकपोस्ट में कराई थी हेमंत की पहली पोस्टिंग

गुना. नाकों पर पदस्थ सौरभ के 4 राजदार सिपाही नरेंद्र भदौरिया, गौरव पाराशर, धनंजय चौबे और हेमंत जाटव की भी कहानी अब सामने आ रही है। 2012 में हेमंत की पडौरा चेक पोस्ट पर पहली पोस्टिंग सौरभ ने ही कराई। वह यहां डेढ़ साल रहा। सौरभ से नजदीकी के चलते चिरुला, सिकंदरा जैसे कमाऊ बैरियरों पर भी रहा।

आरटीआइ कार्यकर्ता संकेत साहू का आरोप है कि सौरभ के साथी चेक पोस्टों को ठेके पर चलाते थे। पत्रिका टीम हेमंत के गुना में आरके पुरम आवास पर पहुंची। कॉलोनी का सबसे आलीशान तीन मंजिला घर 'कमला निवास' हेमंत का ही दिखा। पत्रिका से बातचीत में हेमंत ने स्वीकार किया कि ढाई महीने पहले सौरभ से फोन पर आखिरी बातचीत हुई।

बोला-हर जांच को तैयार हेमंत

फोन पर मित्रता के बाद सौरभ के इतना नजदीक आ गया कि उसके जरिए दूसरों के काम कराने लगा। शिवपुरी और श्योपुर में परिवार के नाम मकान और प्लॉट के सवाल पर उसने कहा कि गुना का मकान पैतृक है और रन्नौद की 28 एकड़ जमीन भी पैतृक है। वह हर स्तर की जांच को तैयार है। वह धनंजय चौबे के साथ मोतीनाला पोस्ट पर तैनात रहा।

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