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राजनीतिक हलचल हुई और तेज अब चुनाव से पहले MP में टटोलेंगे सियासी नब्ज!

तेज हुई राजनीतिक हलचल अब चुनाव से पहले MP की टटोलेंगे सियासी नब्ज...

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shivraj vs rahul

राजनीतिक हलचल हुई और तेज अब चुनाव से पहले MP में टटोलेंगे सियासी नब्ज!

भोपाल। मध्यप्रदेश में होने वाले चुनावों से पहले प्रदेश में राजनीतिक हलचल का दौर शुरू हो चुका है। इसी के चलते विभिन्न राजनीतिक जनता का मन टलोटले की कवायद में जुट गई है। इसी के चलते जल्द ही सीएम शिवराज सिंह जनता का आशीर्वाद लेने दो रथ लेकर निकलेंगे।

वहीं दूसरी ओर टीम राहूल यानि कांग्रेस की ओर से जनता की नब्ज टटोलने व उन्हें अपनी ओर आकर्षित करने के लिए विधानसभा क्षेत्रों की रिपोर्ट बनाई जाएगी। यहां कांग्रेस की टीम सरकारी योजनाओं की समीक्षा और उसकी जमीनी हकीकत का पता करेगी।

भाजपा का दांव: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जनआशीर्वाद यात्रा की शुरुआत जुलाई से करेंगे। भाजपा इस यात्रा को चुनाव का टर्निंग प्वॉइंट मान रही है। मुख्यमंत्री ने 2008 और 2013 में जनआशीर्वाद यात्रा एक रथ से पूरी की थी। इस बार यात्रा में दो रथ होंगे। इसके लिए २०१३ वाले रथ को सजाया-संवारा जा रहा है।

साथ ही एक नया रथ पुणे में तैयार किया जा रहा है। इसके 15 जून तक प्रदेश भाजपा कार्यालय में आने की संभावना है। सीएम की यात्रा 25 सितंबर को दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर समाप्त होगी। इसी दिन भोपाल में प्रधानमंत्री की सभा की योजना भी बनाई जा रही है।
जनआशीर्वाद यात्रा लगभग 8000 किलोमीटर की होगी। रथ प्रदेश के दो अलग-अलग अंचलों में तैनात रहेंगे। मुख्यमंत्री एक दिन एक क्षेत्र में तो दूसरे दिन दूसरे में यात्रा निकालेंगे। इससे रथ को एक से दू्रसरे विधानसभा क्षेत्र में जाने के लिए समय मिल जाएगा।

अब तक का सबसे हाईटेक रथ
यात्रा के लिए बनाए जा रहे नए रथ में जीपीएस के साथ ही चार वीआइपी चेयर भी होंगी। इसके एक हिस्से में रेस्ट रूम भी बनाया जाएगा। यात्रा का रोडमैप तैयार करने के लिए नौ जून को सीएम हाउस में बैठक बुलाई गई है।

इसमें पार्टी के सभी विधायकों के साथ ही प्रदेश पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों को भी बुलाया गया है। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री सभी विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचना चाहते हैं। इसमें कई स्थानों पर वे रात्रि विश्राम भी करेंगे तो वहीं कई जगहों पर वे अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के परिवारों के साथ बैठकर भोजन भी करेंगे।


कांग्रेस की चाल :
मध्यप्रदेश की नब्ज टटोलने के लिए टीम राहुल ने प्रदेश में डेरा डाल दिया है। ये यहां की एक-एक विधानसभा की स्थिति के साथ काम-काज की रिपोर्ट तैयार करेंगे। चुनाव जीतने के लिए किए जाने वाले प्रयासों के सुझाव के साथ रिपोर्ट एमपी कांग्रेस और एआईसीसी को देंगे।

चुनावी साल में राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश पर विशेष फोकस किया है। प्रदेश कांग्रेस में बदलाव के साथ ही वे अपने स्तर पर फीडबैक भी ले रहे हैं। ये सर्वे इसी का हिस्सा है। सर्वे की जिम्मेदारी डॉ. हर्षवर्धन श्याम को दी है। वे पार्टी के राष्ट्रीय सचिव हैं। रिसर्च एंड एनालिसिस विंग की जिम्मेदारी संभालने के साथ ही ये जिला स्तर पर टीम का गठन करेंगे, जिससे जिलास्तर पर जानकारी जुटाई जा सके। टीम में ऐसे लोगों को शामिल किया जाएगा, जो रिसर्च जैसे गंभीर कार्य के लिए अपना वक्त दे सकें।

यह भी होगा एजेंडा
टीम सरकारी योजनाओं की समीक्षा और उसकी जमीनी हकीकत का पता करेगी। राज्य में हुए भ्रष्टाचार और घोटालों के आंकड़े भी जुटाए जाएंगे। इसके पीछे मकसद यह है कि पार्टी का कोई भी नेता जब मीडिया के सामने जाए तो तथ्यों के साथ अपनी बात रख सके।

टीम पार्टी के आईटी, मीडिया, आरटीआई सहित अन्य विंग से समन्वय बनाकर काम करेगी। ऐसा प्रयोग कांग्रेस गुजरात में कर चुकी है। वहां पार्टी का घोषणा-पत्र तैयार करवाने में टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही। रिसर्च टीम का नेतृत्व कर रहे डॉ. हर्षवर्धन का कहना है कि मैंने अपनी टीम के साथ प्रदेश में काम शुरू कर दिया है। टीम में और सदस्यों को भी शामिल किया जाएगा। समय-समय पर पार्टी को अपडेट दिया जाएगा। इसके बाद अंतिम रिपोर्ट भी दी जाएगी।