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BIG NEWS: विधानसभा चुनाव से पहले गिर सकती है बीजेपी सरकार !

आम आदमी पार्टी का दावा, मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार के 116 विधायकों की सदस्यता खतरे में, कभी भी गिर सकती है सरकार...।

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भोपाल

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Manish Geete

Jan 29, 2018

BIG NEWS

Shivraj Singh Chauhan Madhya Pradesh and Aam Aadmi Party News


भोपाल। दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार के 20 विधायकों की सदस्यता खत्म होने के बाद अब मध्यप्रदेश के 116 विधायकों की सदस्यता खतरे में है। यह सभी विधायक किसी न किसी लाभ के पद पर हैं। यदि चुनाव आयोग इन विधायकों को अयोग्य घोषित करने की सिफारिश राष्ट्रपति से कर देता है तो मध्यप्रदेश की सरकार इसी साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले ही गिर सकती है।

मध्यप्रदेश के 116 भाजपा विधायकों के लाभ के पद पर होने का दावा आम आदमी पार्टी (आप) ने किया हाल ही में किया है। आप के दावे के बाद प्रदेश में राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है।

दिल्ली में निकाले गए 20 विधायक
हाल ही में चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों की सदस्यता लाभ के पद पर होने की वजह से रद्द कर दी है। इसके बाद आप के पदाधिकारियों का दावा है कि मध्यप्रदेश में 116 और 11 भाजपा के सदस्य छत्तीसगढ़ में भी लाभ के पद पर जमे हैं।

MP में तेजी नहीं दिखाएगा आयोग
आम आदमी पार्टी के मध्यप्रदेश के प्रदेश संयोगक आलोक अग्रवाल का कहना है कि चुनाव आयोग ने दिल्ली में तो काफी तेजी से कार्रवाई कर दी, लेकिन भाजपा की सरकार होने के कारण वह मध्यप्रदेश में इतनी तेजी नहीं दिखाएगा।

तो नहीं बचेगी मध्यप्रदेश सरकार
अग्रवाल का दावा है कि यदि आयोग मध्यप्रदेश के विधायकों को अयोग्य घोषित करने की सिफारिश राष्ट्रपति से कर दे और सही कार्रवाई करे तो यह सरकार नहीं बचेगी। अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली की सरकार पर तो इस कार्रवाई का कोई फर्क नहीं पड़ा है, क्योंकि सरकार तब भी बहुमत में है।

पिछले साल भी उठाया था MP का मामला
आम के संयोजक का कहना है कि उन्होंने पिछले साल 4 जुलाई 2016 को भी लाभ के पद पर आसीन मौजूदा 116 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी, इसके साथ ही शिकायत भी की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

कानून का है खुला उल्लंघन
अग्रवाल का दावा है कि मध्यप्रदेश में भी भाजपा के 116 विधायक ऐसे हैं जो लाभ के पद के दायरे में आ रहे हैं। विधायक जैसे संवैधानिक पदों पर रहते हुए संविधान और नियमों का उल्लंघन गंभीर बात है। इन लोगों को ईमानदारी से अपने पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए।

दिल्ली की घटना से हताश है आम आदमी पार्टी
इधर, आम आदमी पार्टी द्वारा उठाए गए लाभ के पद मामले पर भारतीय जनता पार्टी ने भी पलटवार किया है। भाजपा प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय ने कहा है कि दिल्ली में चुनाव आयोग की कार्रवाई के कारण आम आदमी पार्टी हताशा में है। इसलिए उसे कुछ सूझ नहीं रहा है। वो अनाप-शनाप आरोप लगा रही है। विजयवर्गीय ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोई भी विधायक लाभ के पद पर नहीं है। इसलिए आप के आरोपों को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए।

यह है लाभ का पद?
लाभ के पद की व्याख्या संविधान में की गयी है और उसका किसी भी कीमत पर उल्लंघन नहीं होना चाहिए। संविधान के अनुच्छेद 102 (1) (ए) और आर्टिकल 19 (1) (ए) में इसका उल्लेख किया गया है।

और क्या कहती है आम आदमी पार्टी
-अगर दिल्ली में यह असंवैधानिक है तो मध्यप्रदेश में कैसे इतने विधायक लाभ के पदों पर बने रह सकते हैं।
-पार्टी ने 4 जुलाई, 2016 को इस मुद्दे को उठाया था।-116 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी।
-चुनाव आयोग ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की।
-आप का दावा है कि अधिकांश विधायक जन भागीदारी समिति के सदस्य हैं, जो लाभ के कार्यालय में आते हैं।-इन विधायकों को वेतन नहीं दिया जाता है, वे समिति के तहत कॉलेजों से यात्रा भत्ते प्राप्त करते हैं।

दो मंत्री भी लाभ के पद पर
मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार के दो मंत्री भी लाभ के पद के दायरे में है। कांग्रेस का दावा है कि स्कूल शिक्षा मंत्री पारस जैन और राज्य मंत्री दीपक जोशी भारत स्काउट एंड गाइड में भी पोस्ट होल्डर हैं। पारस जैन इसके चीफ कमिश्नर हैं और दीपक जोशी उपाध्यक्ष हैं।

कांग्रेस ने बोला था हमला
इधर, भाजपा सरकार के दो मंत्रियों पर कांग्रेस ने भी हल्ला बोला था। प्रवक्ता केके मिश्रा ने आरोप लगाए थे कि भाजपा दिल्ली में दोहरे पद को लेकर केजरीवाल सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है, जबकि भाजपा सरकार के ही दो मंत्री अतिरिक्त पद हासिल कर लाभ ले रहे हैं।