
89 आदिवासी विकासखंडों में 889 हायर सेकंडरी स्कूलों में 692 तो 1151 हाईस्कूलों में प्राचार्यों के 997 पद खाली
भोपाल. प्रदेश के 20 से अधिक जिलों के 89 आदिवासी विकासखंडों में बच्चों को बेहतर और आधुनिक शिक्षा मुहैया कराने का दावा तो अकसर किया जाता है, पर जमीनी हकीकत बिलकुल जुदा है। हालात ये हैं कि इन विकासखंड़ों के 889 हायर सेकंडरी स्कूलों में से 692 प्राचार्य विहीन हैं। यहां प्राचार्यों के पद लंबे समय से खाली हैं। हाईस्कूलों की स्थिति और भी खराब है। 1151 हाईस्कूलों में से 997 में प्राचार्य के पद रिक्त हैं। बता दें, प्रदेश के इन आदिवासी विकासखंडों बच्चे विज्ञान की पढ़ाई से भी महरूम हैं। हायर सेकंडरी स्कूलों में जीव विज्ञान के शिक्षकों के 755 पद भी लंबे समय से रिक्त हैं। ऐसे में बच्चों के लिए विज्ञान विषय में कॅरियर बनाने के लिए दूसरे शहरों का रुख करना पड़ता है। ये खुलासा सूचना के अधिकार से प्राप्त जानकारी से हुआ है। आरटीआइ एक्टिविस्ट और प्रदेश कांग्रेस की आरटीआइ प्रकोष्ठ के संयोजक पुनीत टंडन द्वारा आदि जनजाति कार्य विभाग से इसकी जानकारी निकाली है। हालांकि कई अन्य बिन्दुओं पर विभाग द्वारा जानकारी मुहैया नहीं कराई गई है। गौरतलब है कि आदिवासी विकासखंडों में जनजाति कार्य विभाग द्वारा स्कूल शिक्षा का संचालन किया जाता है। यहां शिक्षकों की तैनाती के साथ ही स्कूल बिल्डिंग का निर्माण और मेन्टेनेंस का जिम्मा इन्हीं के पास है। हालांकि परीक्षा समेत अन्य एकेडमिक कार्य स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा किया जाता है।
हायर सेकंडरी स्कूल: स्वीकृत पद 889, भरे हैं सिर्फ 197
आदिवासी विकासखंड़ों में उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में प्राचार्यों के 889 पद स्वीकृत हैं। इनमें से महज 197 ही भरे गए हैं, जबकि 692 स्कूलों में प्राचार्य के पद रिक्त हैं। धार, झाबुआ, आलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन और खंडवा में कुल 347 स्वीकृत पदों में से सिर्फ 68 पर ही प्राचार्यों की तैनाती है, जबकि 279 पद रिक्त हैं। शहडोल उमरिया और अनपूपुर जिले में 142 स्वीकृत पदों पर 15 पर ही प्राचार्य हैं, 127 पद रिक्त हैं।
किस जिले में हायर सेकंडरी स्कूल में कितने पद हैं रिक्त
जिला--- स्वीकृत पद--- भरे पद---- रिक्त पद
मंडला--------79-----------13---------66
सिवनी------58--------13-------45
छिंदवाड़ा-----60-------16------44
डिंडौरी----62-----19-------43
बैतूल------60-----22-------38
बालाघाट------35---10------25
सीधी-------12-----01------11
रतलाम----15-----07------08
होशंगाबाद----12----09----03
श्योपुर----07-----04-----03
हाईस्कूल: स्वीकृत पद 1151, भरे हैं सिर्फ 154
हाईस्कूलों में प्राचार्यों के 1151 पद स्वीकृत किए गए हैं, इनमें से महज 154 पर ही प्राचार्य हैं, जबकि 997 रिक्त हैं। धार, झाबुआ, आलीराजपुर, बड़वानी, खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर में 489 पद मंजूर हैं, पर इनमें से 56 ही भरे गए हैं। 466 पद रिक्त हैं। इसी तरह शहडोल, उमरिया और अनूपपुर में 182 पदों में से 18 पर ही प्राचार्यों की नियुक्ति है, 164 पद रिक्त हैं।
किस जिले में हाई स्कूलों में कितने पद हैं रिक्त
जिला---- स्वीकृत पद-- भरे पद-- रिक्त पद
मंडला----122------18-----104
बैतूल------80-----14-----66
डिंडौरी-----66-----06-----60
सिवनी----61-----08-----53
छिंदवाड़ा---47----04------43
बालाघाट---30----06-----24
सीधी------17----00-----17
रतलाम-----24----7-----17
श्योपुर------12----02---10
नर्मदापुरम्----21---15----06
755 हायर सेकंडरी स्कूलों में नही हैं जीव विज्ञान के शिक्षक
अदिवासी विकासखंड के विद्यार्थी विज्ञान खासतौर से जीव विज्ञान की पढ़ाई से दूर बने हुए हैं। इसकी वजह 755 हायर सेकंडरी स्कूलों में जीव विज्ञान विषय के शिक्षक का नहीं होना है। ये पद भी लंबे समय से रिक्त बने हुए हैं। ऐसे में विद्यार्थियों का जीव विज्ञान के जरिये हेल्थ सर्विसेज में कॅरियर बनाने का सपना साकार नहीं हो रहा है। जानकारी के मुताबिक धार जिले में सबसे अधिक 87 पद रिक्त हैं तो मंडला में ये संख्या 80 है। अनूपपुर जिले में 79 पद रिक्त हैं। बैतूल में 59, झाबुआ में 56, छिंदवाड़ा और डिंडौरी में 53-53 तो शहडोल में 50 पद रिक्त हैं।
Published on:
09 Jun 2022 09:55 pm
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