scriptइन संकेतों में छिपा है रहस्य! जानें दिवाली की रात माता लक्ष्मी आपके घर आईं या नहीं! | signals and interesting facts about Lakshmi during diwali | Patrika News

इन संकेतों में छिपा है रहस्य! जानें दिवाली की रात माता लक्ष्मी आपके घर आईं या नहीं!

locationभोपालPublished: Nov 06, 2018 07:18:32 pm

इन घरों कभी भी नहीं ठहरतीं माता लक्ष्मी…

deepawali sings

इन संकेतों में छिपा है रहस्य! जानें दिवाली की रात किसके घर आतीं हैं माता लक्ष्मी

भोपाल। दीपावली का मुख्य त्योहार कार्तिक माह की अमावस्या की रात को मनाई जाती है। वहीं दिवाली की शाम/रात को स्थिर लग्न और शुभ मुहूर्त में माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा-अर्चना होती है।

सनातन धर्म के अनुसार देवी लक्ष्मी धन की देवी हैं। ऐसा में मान्यता है कि वह दिवाली की रात को जिनके भी घर ठहरती उनके घर पर धन-सम्पदा की कभी भी कोई कमी नहीं रहती।
इन रूपों में आपके घर आती है मां लक्ष्मी which forms on diwali maa lakshmi comes to our home…
पंडित सुनील शर्मा बताते हैं कि आरोग्य दिवाली पर लक्ष्मी जी अपने आठ स्वरूपों के साथ आती हैं। महालक्ष्मी ( कन्या), धन लक्ष्मी ( धन, वैभव, निवेश, अर्थव्यवस्था), धान्य लक्ष्मी ( अन्न), गज लक्ष्मी ( पशु और प्राकृतिक धन), सनातना लक्ष्मी( सौभाग्य, स्वास्थ्य, आयु और समृद्धि), वीरा लक्ष्मी ( वीरोचित लक्ष्मी), विजया लक्ष्मी ( विजय), विद्या लक्ष्मी ( विद्या, ज्ञान, कला, विज्ञान)।
इन आठों स्वरूपों का एकाकार पर्व ही दीपावली महापर्व के रूप में ख्यात हुआ। यह प्रकाश पर्व पुष्टि, प्रगति और परोपकार का प्रतीक है।

यही नहीं, दीप पर्व वित्तीय समायोजन, वित्तीय संयोजन और वित्तीय अनुशासन का भी पर्व है। धन है लेकिन खर्च करने का विवेक और बुद्धि कौशल नहीं तो बेकार है।
जो भविष्य का ध्यान नहीं रखे, वह धन भी बेकार है। दीप पर्व के माध्यम से देवी पग-पग पर यही समझाती हैं कि मेरा स्वभाव चंचल है। इसलिए, सकारात्मक दृष्टि से मेरा उपयोग करें। अपने अंदर सकारात्मक प्रकाश करें। अपने अंत: बाह्य दोनों रूपों में प्रकाश करें।
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार मान्यता के अनुसार देवी लक्ष्मी दिवाली की रात को उन्हीं घरों को चुनती हैं जिनके घर के सदस्यों के अंदर ये 6 तरह अवगुण नहीं होते।

इन्हीं घरों को चुनती हैं मां लक्ष्मी…
मान्यता के अनुसार एक बार देवी रूक्मिणी जिन्हें स्वयं लक्ष्मी का रूप माना जाता है। वे महालक्ष्मी से पूछती हैं कि, हे देवी आप किस तरह के मनुष्यों पर कृपा करती हैं।
1. इस पर देवी लक्ष्मी ने उत्तर देते हुए बताया कि जो मनुष्य अपनी वाणी पर नियंत्रण रखता है और जरूरत के अनुसार उचित शब्दों का ही प्रयोग करता है, उस पर मैं प्रसन्न रहती हूं। ऐसा मनुष्य मेरी कृपा का पात्र होता है।
2. वहीं जो व्यक्ति लोभ त्यागकर उदारता के साथ दूसरों की सहायता करता है, मां लक्ष्मी कहती हैं मैं उस पर सदा कृपा करती हूं।

3. क्रोध मनुष्य की बुद्धि का नाश कर देता है। ऐसे में क्रोध आने पर व्यक्ति उचित-अनुचित का ज्ञान भूल जाता है, मान्यता है कि परिणाम स्वरूप वह ऐसा काम कर बैठता है जिससे घर आयी लक्ष्मी भी रूठ जाती हैं।
4. मान्यता है कि जो व्यक्ति आलस करता है और आज के काम को कल के लिए टालता रहता है उस पर कभी भी माता लक्ष्मी प्रसन्न नहीं होतीं।

5. जो व्यक्ति अपनी शक्ति और संपत्ति के अहंकार में दिन रात डूबा रहता है माना जाता है कि देवी लक्ष्मी लंबे समय तक उसके साथ नहीं रहतीं।
6. यह भी कहा जाता है कि जो व्यक्ति अपने पैसे को जरूरत से ज्यादा खर्च करता है, उसके घर से देवी लक्ष्मी रूठकर चली जाती हैं।


इस दीपावली-2018: ये है खास special on this diwali…
दीपावली-2018 के संबंध में पंडित सुनील शर्मा सहित पंडित अजय शुक्ल आदि ने बताया कि इस बार समृद्धि और सामर्थ्य प्रदान करने वाला आयुष्मान-सौभाग्य और स्वाति नक्षत्र का मंगलकारी त्रिवेणी संयोग बनेगा।
इस त्रिवेणी संयोग में मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से धन की वर्षा होगी। उनके मुताबिक इस संयोग में महालक्ष्मी पूजन का सकारात्मक असर साधक के जीवन में लंबी अवधि तक रहेगा।
इस बार पर्व को लेकर किसी प्रकार की संशय की स्थिति नहीं है। साथ ही इस दौरान कई विशिष्ट संयोग भी बनेंगे। सात नवंबर को होने वाली दीपावली इस बार त्रिवेणी संयोग बनने के कारण बेहद खास होगी।
पंडित शर्मा के अनुसार कार्तिक अमावस्या की शुरुआत 6 नवंबर को रात 10.27 पर होगी, जो अगले दिन बुधवार को 7 नवंबर की रात 9.31 तक रहेगी।

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इस दिन स्वाति नक्षत्र शाम 7.36 बजे तक रहेगा। इसके बाद विशाखा नक्षत्र लगेगा। आयुष्मान योग 6 नवंबर को शाम 7.56 से अगले दिन 7 नवंबर को 5.57 मिनट तक रहेगा।

इसके बाद सौभाग्य योग लगेगा, जो 8 नवंबर को शाम 4.23 मिनट तक रहेगा। जानकारों के अनुसार जिस सूर्योदय और प्रदोषकाल में कार्तिक अमावस्या हो, उस दिन दीपावली मनाना शास्त्र सम्मत होता है। ऐसे में इस बार दीपावली पर किसी तरह के संशय की स्थिति नहीं है।
पंडित शुक्ला के मुताबिक इस बार दीपावली पर बन रहा विशिष्ट त्रिवेणी संयोग बेहद विशेष है। कहा जाता है कि आयुष्मान योग में किए कार्य लंबे समय तक शुभ फल प्रदान करते हैं। इस योग में किया गया कार्य जीवनभर सुख प्रदान करता है।
दूसरा सौभाग्य प्रदान करने वाला सौभाग्य योग है। यह योग सदा मंगल करने वाला है। नाम के अनुरूप यह भाग्य को उदय करने वाला माना जाता है। स्वाति 15वां नक्षत्र है।

इसका स्वामी राहु यानी अंधकार है। कहा जाता है कि जिस प्रकार स्वाति नक्षत्र में ओंस की बूंद सीप पर गिरती है तो मोती बनती है, ठीक उसी प्रकार इस नक्षत्र में जातक की ओर से किया कार्य उसे सफलता की चमक प्रदान करता है।
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