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सोलर सिटी प्रोजेक्ट खोलेगा राजधानी में 4000 करोड रुपए के नए बिजनेस के द्वार

भोपाल में 10 किलोवाट से ज्यादा वाले सोलर प्लांट की मांग बढ़ती रही है। सब कुछ ठीक रहा तो दो साल में दो लाख छतों पर सोलर प्लांट लगेंगे इससे रोजगार भी बढ़ेगा।, हर को करीब 4000 करोड रुपए का नया व्यवसाय दे जाएगा। भोपाल में रूफ टॉप सोलर प्लांट का शुरुआती लक्ष्य 25000 प्लांट रखा है जबकि दो साल में 02 लाख छत तक इसे बढ़ाना है।

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सोलर सिटी प्रोजेक्ट खोलेगा राजधानी में 4000 करोड रुपए के नए बिजनेस के द्वार

सोलर सिटी प्रोजेक्ट खोलेगा राजधानी में 4000 करोड रुपए के नए बिजनेस के द्वार

भोपाल. छत पर सूरज की रोशनी से बिजली उत्पादन पर्यावरणीय तौर पर तो लाभ देगा ही आर्थिक तौर पर भी शहर को करीब 4000 करोड रुपए का नया व्यवसाय दे जाएगा। भोपाल में रूफ टॉप सोलर प्लांट का शुरुआती लक्ष्य 25000 प्लांट रखा है जबकि दो साल में 02 लाख छत तक इसे बढ़ाना है। ऐसे में प्रति छत दो लाख रुपए की लागत का अनुमान रखकर प्रोजेक्ट तय किया जा रहा है। 2 लाख प्लांट पर कुल 4000 करोड रुपए का कारोबार होगा।

भोपाल में 40 से अधिक कंपनियां कारोबार में
इस समय राजधानी में सोलर प्लांट स्थापना से जुड़ी 40 से ज्यादा कंपनियां शुरू हो चुकी है। इन कंपनियों में से अभी 25 कंपनियां बिजली कंपनी के माध्यम से प्लांट लगाने के लिए तय हुई हैं। बची हुई भी जल्द ही अपने आप को अनुबंधित कर लेंगी। ऐसे में अब अगले दो से तीन माह में शहर में बड़े स्तर पर आपको सोलर प्लांट लगते नजर आ सकते हैं।

सबसे ज्यादा कमाई फेब्रिकेशन वालों को
- सोलर प्लांट स्थापना में सबसे ज्यादा कमाई फेब्रिकेशन से जुड़े उद्योग को होगी। लोहा, स्टील व एल्युमिनियम से फैब्रिकेशन करने वालों को बड़े काम मिलने की उम्मीद बन रही है। पैनल लगना लगभग वैसा ही है जैसे टीन शेड लगाने का काम होता है। फैब्रिकेटेड ढांचे पर ही सोलर पैनल को स्थापित किया जाता है। इसके साथ ही बैटरी, इनवर्टर और केबलिंग की भी अच्छी खासी मांग बढ़ने की संभावना है।

10 किलोवाट के प्लांट की ज्यादा मांग

सरकार भले ही दो से तीन किलोवाट के छोटे प्लांट पर फोकस कर रही हो, लेकिन भोपाल में 10 किलोवाट से ज्यादा के प्लांट की मांग ज्यादा है। दो से तीन किलो वाट के प्लांट में उपभोक्ता को ज्यादा फर्क नहीं पड़ रहा है। मौजूदा बिजली बिल उनका पहले ही सब्सिडी के साथ आ रहा है, ऐसे में बड़े घर या व्यावसायिक परिसर में जहां ज्यादा बिजली खपत है वहां 10 किलोवाट से ज्यादा बड़े पैनल लगवाने वाले ज्यादा है। भोपाल में अभी लगे कुल पैनल में 80 फ़ीसदी 10 किलो वाट से ज्यादा वाले हैं।