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भोपाल

आश्रम में रहते थे पोते-पोती, परिजन को बिना बताए विदेश में दे दिये गोद

आश्रम में रहते थे बच्चे, बुजुर्ग दादा-दादी मिलने पहुंचे तो पता लगा बच्चों को सात समंदर पार पहुंचा दिया।

भोपालFeb 27, 2020 / 04:46 pm

Faiz

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आश्रम में रहते थे पोते-पोती, परिजन को बिना बताए विदेश में दे दिये गोद

भोपाल/ मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रशासन की लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। इस लापरवाही के कारण एक मानसिक विक्षिप्त पिता और बुजुर्ग दादा-दादी से उनके तीन मासूम पोता पोती छीन लिये। जब बच्चों की दादी अपने पाेते-पाेती काे वापस लेने के लिए आश्रम पहुंची तो उन्हें पता लगा कि, उनके तीनों बच्चों को यूएस में गोद दे दिया।

 

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दादी की धमकी…. बच्चे नहीं मिले तो परिवार के साथ करेंगी आत्मदाह

बिना अनुमति बच्चों को सात समंदर दूर किसी अंजान लोगों को गोद दिये जाने से नाराज दादी बुधवार को बाल कल्याण समिति के बाहर धरने पर बैठ गईं। हालांकि, समिति के सदस्याें ने उन्हें समझाइश देकर वापस घर लौटा दिया है। लेकिन, दादी द्वारा समिति को धमकी दी गई है कि, अगर जल्द ही उनके बच्चे उन्हें वापस नहीं लौटाए गए तो वो परिवार समेत आत्मदाह कर लेंगी और इसकी जिम्मेदार सरकार हाेगी। इधर, समिति के सदस्याें का कहना है कि यह मामला पूर्व की समिति का है जिन्हाेंने पिता और परिजन के रहते हुए बच्चों को लीगली फ्री कर दिया, जबकि बच्चे परिवार के संरक्षण में थे।

 

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बच्चों का बेहतर भविष्य चुना था, ये क्या हो गया…

भोपाल के छाेला इलाके में रहने वाली ज्ञानबाई अहिरवार ने बताया कि, उनकी एक पाेती और दाे पाेते हैं। बहू की पांच साल पहले माैत हो गई थी, जिसके गम में बेटा भी पागल हाे गया था। परिवार इन दोनों गमों के भीतर जूझ रहा था तभी उनके घर एक मैडम ने आईं, जिन्होंने बच्चाें की देखरेख और अच्छी परवरिश का हवाला देकर तीनों बच्चों को आश्रम में देने की बात कही। मेडम ने परिवार को ये तसल्ली भी दी कि, जब तीनों बच्चे पढ़-लिख लेंगे ताे उन्हें वापस कर दिया जाएगा। दादी के मुताबिक, बच्चों के बेहतर भविष्य के बारे में सोचते हुए उन्होंने बच्चों को चाइल्ड लाइन के सुरुद करने का फैसला लिया। इसके बाद पुलिसिया कार्रवाई पूरी होने के बाद उन्हें टीटी नगर स्थित चाइल्ड लाइन भेज दिया गया। यहां लिखा-पढ़ी करने के बाद तीनों बच्चों को खजूरीकलां स्थित आश्रम में ले जाया गया।

एसओएस बालग्राम के डायरेक्टर विपिन दास के मुताबिक, उनके यहां तीनाें बच्चे थे, ये तो सिद्ध है, जो बीते 2015 से उनके संरक्षण में ही थे। बालग्राम के रिकॉर्ड के मुताबिक, बच्चों के पिता के दस्तावेज तो उनके पास मौजूद हैं, लेकिन कभी भी बच्चाें से मिलने के लिए कोई नहीं आया। वहीं, बच्चों की दादी ज्ञानबाई के मुताबिक, उनके बच्चों से मिलने पर काफी ऐतराज किया जाता था। आश्रम प्रबंधन द्वारा जल्दी जल्दी बच्चों से मिलने पर पाबंदी थी। जब वो पाेता-पाेती से मिलने जाती थी, ताे उन्हें हिदायत दी गई कि, जल्दी-जल्दी मिलने मत आया कराे। अगली बार छह महीने के बाद ही बच्चों से मिलने आना। बीते कुछ दिनों से जब वो अपने बच्चों से मिलने जाती थी, तो प्रबंधन द्वारा उन्हें भगा दिया जाता। बुधवार को उन्हें काफी जिद और आवेदन करने के बाद पता चला कि, उनके पाेता-पाेती काे एक माह पहले यूएस के एक परिवार को गोद दे दिया।

 

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असमंजस में बाल कल्याण समिति

समिति के सदस्य कृपाशंकर का कहना है कि, फिलहाल जांच में सामने आया है कि, तीनों ही बच्चे दादी के परिवार से हैं, ये सिद्ध है। हालांकि, मामले से पल्ला झड़ाते हुए उन्होंने कहा कि, ये मामला उनके कार्यकाल कानहीं है। पूर्व की समिति के सदस्याें ने बच्चाें काे लीगल फ्री करने की प्राेसेस की थी। पूरे मामले के संबंध में एसओएस बालग्राम से दस्तावेज मंगवाए हैं। ताकि जानकारी मिल सके कि गलती कहां हुई है।

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