
अरेरा कॉलोनी को मॉडल बनाने पर खर्च किए 7 करोड़, विकास के काम हुए घटिया
भोपाल @देवेंद्र शर्मा की रिपोर्ट...
स्मार्ट सिटी डवलपमेंट कॉर्पोरेशन जिस अरेरा कॉलोनी ई-1 को शहर के विकास का मॉडल बनाना चाहता था, वह लेटलतीफी और गड़बड़ी का शिकार हो चली है। स्मार्ट सिटी आमजन की गाढ़ी कमाई के सात करोड़ रुपए यहां खर्च कर रहा है। यहां अंडरग्राउंड बिजली, फायर लाइन, स्ट्रीट डवलपमेंट, पार्क आदि में घटिया निर्माण कार्य हो रहा है, लेकिन स्मार्ट सिटी के जिम्मेदारों ने एक्शन नहीं लिया।
यहां फ्लोरिंग वर्क, गेट को अपग्रेड करना, ड्रेन्स की रिपेयरिंग, डेकोरेटिव स्ट्रक्चर उपलब्ध कराना, स्ट्रीट फर्नीचर आदि का काम करना था।
दिसंबर 2018 था लक्ष्य, अभी 30 फीसदी काम भी नहीं हुआ
सात करोड़ रुपए की लागत से चल रहे काम को स्मार्ट सिटी ने प्लेस मैकिंग प्रोजेक्ट के तहत शुरू किया था। जनवरी में एजेंसी तय की गई थी और फरवरी 2018 में निर्माण शुरू हो गया।
इसे दिसंबर 2018 तक हर हाल में पूरा करना था, लेकिन अब तक 30 फीसदी ही हुआ। मौजूदा हालात से लगता है इसे पूरा होने में वर्ष 2020 की पहली तिमाही निकल जाएगी।
फिर बाकी कॉलोनियों में कैसा काम होगा
अरेरा कॉलोनी ई-1 में शहर की पॉश कॉलोनी है और यहां रहने वाले वीवीआइपी। जब यहां घटिया काम हो रहा है, तो अन्य क्षेत्रों की स्थिति समझी जा सकती है। फिलहाल, पूरे क्षेत्र में खुदाई हो रही है। गेट के बाहर टूटा-फूटा मटेरियल बिखरा हुआ है। रहवासी परेशान हैं। स्मार्ट सिटी के अफसरों को बेहतर काम कराने की बात कह रहे हैं, लेकिन इनकी भी सुनवाई नहीं हो रही।
अभी यह बाकी है
सड़क निर्माण
डेकोरेटिव स्ट्रक्चर
गेट्स अपग्रेडेशन
स्टोन
बैंचेस
टाइल्स
पैवर्स ब्लॉक
हॉर्टि कल्चरल वर्क
देखो, कितना घटिया है
सीमेंट के सामान्य चैंबर बनाए हैं, जिनमें निर्माण होते ही दरारें उभर आई हैं।
कॉलोनी में पैव ब्लॉक बेहद घटिया लगाए जा रहे हैं। ये बिछाने के दौरान ही टूट रहे हैं।
अंडरग्राउंड केबल, फायर केबल, बिजली लाइन के लिए घटिया पीवीसी पाइप का उपयोग हो रहा है, ये कई जगह फट गए हैं।
गेट अपग्रेडेशन का काम भी शुरू नहीं हुआ।
पीवीसी के पाइप जमीन में दबाकर चैंबर बनाए जा रहे हैं।
रहवासी सवाल उठा रहे हैं।
गुणवत्ता ये तय थी
निर्माण में रिसायकिल वाटर का उपयोग करना था।
मार्बल और ग्रेनाइट स्टोन की फ्लोरिंग। ब्लैक, ग्रे, ग्रीन और ब्राउन मार्बल लगाने थे।
कजारिया, जोंसन की टाइल्स तो जगुआर के वाटर क्लोसेट, वॉश बेसिन का उपयोग होना था।
सुप्रीम के पीसीपी पाइप का उपयोग होना था।
जोधपुर रेड स्टोन बैंच। एक्यूप्रेशर फ्लोर टाइल्स निर्मित होने थे।
आरसीसी चैनल अंडरग्राउंड केबल के साथ
ई-1 में अभी काम चल रहा है। मैंने अभी काम संभाला है, जो पहले ये काम देखते थे, उनका ट्रांसफर हो गया। मैं इसे दिखवा लेता हूं। हम काम गुणवत्ता के साथ पूरा कराएंगे।
ओपी भारद्वाज, सिटी इंजीनियर स्मार्ट सिटी डवलपमेंट कॉर्पोरेशन
Published on:
28 May 2019 09:19 am
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