उज्जैन। उज्जैन में रह रहीं तांत्रिक शिवानी दुर्गा दीक्षा देने के लिए खंजर का इस्तेमाल करती हैं। शिवानी शिष्यों की गर्दन पर खंजर अड़ाकर उन्हें दीक्षा देती हैं। आइए जानते हैं क्यों किया जाता हा ऐसा...
शिवानी दुर्गा ने पश्चिमी देशों के तंत्र विका और वोडु भी सीखा है। विका तंत्र में खंजर का उपयोग तो होता है लेकिन इसका इस्तेमाल काटने में नहीं किया जाता। विका तंत्र में खंजर को एथम कहा जाता है। शिवानी दुर्गा बताती हैं कि दीक्षा की प्रक्रिया में कई बार तंत्र सिखाने वाले गुरु खंजर को शिष्य के गले पर लगाकर कुछ मंत्र या प्रार्थना पढ़ते हैं। शिवानी बताती हैं कि वो खुद इस तरह से कई लोगों को दीक्षा दे चुकी हैं।
विका और वोदु का चलन अफ्रीका, अमेरिका और यूरोपीय देशों में होता है। इसे पश्चिमी देशों का तंत्र कहा जाता हैं। इनमें भारतीय तंत्र जैसे श्मशान साधना नहीं की जाती है। शिवानी दुर्गा मुंबई की रहने वाली हैं और एक अघोर तांत्रिक हैं। फ़िलहाल वो उज्जैन सिंहस्थ के लिए उज्जैन में हैं। ग्लैमरस दिखने वाली शिवानी टैरो कार्ड रीडर और क्रिस्टल हीलर भी हैं। उनका अपना एक वीडियो प्रोडक्शन हाउस भी है। शिवानी दुर्गा ने यूएसए से पीएचडी भी किया है।