
भोपाल. कोरोना काल ने लोगों की जिंदगी को बहुत हद तक बदल दिया है। बदलाव के इस दौर में गांव के लेाग भी वर्चुअल दुनिया का हिस्सा बन रहे हैं। प्रदेश में 52 हजार गांव और करीब 23 हजार ग्राम पंचायतें हैं। डिजिटल इंडिया मिशन के तहत 50 हजार गांवों तक मोबाइल फोन और साढ़े 11 हजार यानी आधी पंचायतों तक वाई-फाई कनेक्शन पहुंच गया है। पंचायतें अब इंटरनेट के जरिए कामकाज कर रही हैं। एक पंचायत हर महीने औसतन साढ़े पांच जीबी डाटा खर्च कर रही है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अप्रेल 2020 से 2021 तक के हैं।
इंटरनेट की स्थिति
22812 ग्राम पंचायतों में से11538 में वाई-फाई हॉट स्पॉट स्थापित किए गए हैं। 7397 में हॉट स्पॉट चालू हैं। हर पंचायत ने 5.5 जीबी डाटा का इस्तेमाल किया है। सरकार बेहतर सेवा के लिए ट्राई गुणवत्तापूर्ण सेवा के पैरामीटर की मॉनीटरिंग कर रही है। नेटवर्क को और बेहतर बनाया जा रहा है। मानसून कंट्रोल रूम बनाए जा रहे हैं तो उपभोक्ताओं को शिकायत करने टोल फ्री नंबरों की व्यवस्था भी की गई है। फील्ड इकाइयों को समय पर केबल और ड्रॉप वायर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
गांवों का ड्रोन सर्वे
सरकार गांवों के सुनियोजित विकास के लिए ड्रोन सर्वे भी करा रही है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत 9996 गांवों का सर्वे किया जा रहा है। 2071 गांवों में सर्वे हो चुका है। 1532 गांवों की डाटा प्रोसेसिंग पूरी हुई है। 1349 गांवों के नक्शे विभाग को सौंपे गए हैं।
दो लाख लोगों ने ली सेवा
गांव के लोग वाई-फाई सेवा के साथ एफटीटीएच (फाइबर टू द होम) सेवा का इस्तेमाल भी कर रहे हैं। वाई-फाई के 1.32 लाख 485 उपभोक्ता हैं, जबकि 55 हजार से ज्यादा लोगों ने एफटीटीएच का कनेक्शन लिया है। इन्होंने अप्रेल 2020 से जनवरी 2021 तक 1 लाख 29 हजार 286 जीबी डाटा का इस्तेमाल किया है। अकेले जनवरी में 32 हजार 459 जीबी डाटा इस्तेमाल किया गया। यानी एक उपभोक्ता ने करीब 25 एमबी डाटा खर्च किया। प्रदेश के 52 हजार गांवों में से सिर्फ 2612 गांव ही मोबाइल कनेक्टिविटी से दूर हैं बाकी सारे गांवों में मोबाइल सुविधा पहुंच गई है।
Published on:
26 Mar 2021 08:43 am
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
