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कुत्तों की एनिमल बर्थ कंट्रोल के नियमों के तहत नहीं हो रही नसबंदी

आक्रामक होते कुत्ते और बढ़ती डॉग बाइट की घटनाओं को लेकर नगरवासियों की अलग-अलग राय है। 70 फीसदी लोग मानते हैं कि नगर निगम कुत्तों की सही तरीके से नसबंदी नहीं कर रहा।

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भोपाल. आक्रामक होते कुत्ते और बढ़ती डॉग बाइट की घटनाओं को लेकर नगरवासियों की अलग-अलग राय है। 70 फीसदी लोग मानते हैं कि नगर निगम कुत्तों की सही तरीके से नसबंदी नहीं कर रहा। सुझाव आए हैं कि फीमेल डॉग की भी नसबंदी होनी चाहिए।
दूसरे दिन ये सुझाव
अशोक सेन: रिटायर्ड तहसीलदार, बावडिय़ाकला- नसबंदी के बाद उनके कान में पहचान चिन्ह भी डाला जाए।
मनोज चंद्रवंशी: सोनागिरी -कुत्ता पालने की फीस निर्धारित हो। हर तीन माह में मेडिकल जांच जरूरी हो।
अमीन सलमान: कोहेफिजा-कुत्तों के लिए नगर निगम फीडिंग सेंटर बनाए। समय पर उनकी नसबंदी हो।
बसंत बापट: हर वार्ड में डॉग हाउस बने।
सौम्या: अरेरा कॉलोनी- नगर निगम सही ढंग से कुत्तों की नसबंदी करे।
मनु नायर और रचना: भेल- कुत्तों को भी भोजन मिले तो वे आक्रामक नहीं होंगे।
अबीर श्रीवास्तव-बेजुबान कुत्तों पर लोग अत्याचार करते हैं। इन पर पत्थर-डंडा मारते हैं। इसलिए आक्रामक हो जाते हैं। इन पर दया करें।
ये समस्याएं
वेदांत श्रीवास्तव: सर्वधर्म, सूर्य मंदिर, कोलार-नगर निगम की टीम फोन नहीं उठाती। रात में कुत्ते दौड़ाते हैं।
मिथुन बाथम: मोतिया तालाब बाबे अली- कुत्ते खतरनाक हो गए हैं, कहीं कोई सुनवाई नहीं होती। ये आए दिन बच्चों को काटते हैं।
पुष्पा राजपूत: कुत्ते आपस में लड़ते हुए घर में घुस आते हैं। छोटे बच्चों को काटते हैं।
मनोज: पारुल हॉस्पिटल के पास- कुत्तों के आतंक से घर से निकलना मुश्किल है।
बेगम बानो: शाहजहांनाबाद- कुत्ते रात में सोने नहीं देते। गोली खाकर सोते हैं।