scriptपाषाण युग के सांस्कृतिक अवशेष 1.5 मिलियन वर्ष पुराने है: एसबी ओटा | Stone Age cultural remains are 1.5 million years old: SB Ota | Patrika News

पाषाण युग के सांस्कृतिक अवशेष 1.5 मिलियन वर्ष पुराने है: एसबी ओटा

locationभोपालPublished: Jul 20, 2021 08:38:25 pm

Submitted by:

mukesh vishwakarma

डॉ. एस.बी. ओटा ने “एन इन्कुआरिश इन्‍टू डिप हियूमन हिस्ट्री एंड इन्वेस्टीगेशन ऑफ़ एच्यूलियन साइट्स अराउंड टिकोडा एंड दमडोंगरी डिस्ट्रिक रायसेन, मध्‍य प्रदेश” विषय पर व्याख्यान दिया

पाषाण युग के सांस्कृतिक अवशेष 1.5 मिलियन वर्ष पुराने है: एसबी ओटा

पाषाण युग के सांस्कृतिक अवशेष 1.5 मिलियन वर्ष पुराने है: एसबी ओटा

भोपाल. इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के द्वारा 16वा इंगारामासं वार्षिक व्‍याख्‍यान के अंतर्गत डॉ. एस.बी. ओटा ने “एन इन्कुआरिश इन्‍टू डिप हियूमन हिस्ट्री एंड इन्वेस्टीगेशन ऑफ़ एच्यूलियन साइट्स अराउंड टिकोडा एंड दमडोंगरी डिस्ट्रिक रायसेन, मध्‍य प्रदेश” विषय पर व्याख्यान को ऑनलाइन संबोधित किया। डॉ. ओटा संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के टैगोर नेशनल फेलो एवं पूर्व संयुक्त महानिदेशक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण रहे है आप इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल के निदेशक रह चुके हैं।

डॉ. एस.बी. ओटा ने 16वा इंगारामासं वार्षिक व्‍याख्‍यान को ऑनलाइन वाया फेसबुक वाच लाइव में संबोधित करते हुए कहा कि पिछले दो दशकों में विशेष रूप से पाषाण युग यानि भारतीय उपमहाद्वीप के ऐचुलियन सांस्कृतिक अवशेष को समझने के लिए प्रागैतिहासिक अनुसंधान में प्रगति हुई है| प्राचीनतम पाषाण युग के सांस्कृतिक अवशेष 1.5 मिलियन वर्ष पुराने हैं। डेक्कन कालेज पुणे के सहयोग से प्रारंभिक मानव व्यवहार को समझने के लिए मध्य भारत के रायसेन जिले के कुछ जगहों में पिछले कुछ वर्षों से इसका व्यापक अध्ययन किया जा रहा है।
ऐचुलियन संस्कृति अत्यंत समृद्ध था
प्रारंभिक होमिनिन के व्यवहार के बारे में तथा मानव के विभिन्न पहलुओं को समझने के बारे में जांच से पता चला है कि इस इलाके के पत्थर की कलाकृतियों के रूप में ऐचुलियन संस्कृति अत्यंत समृद्ध था यह देखा गया है कि क्षेत्र में उपलब्ध लगभग सभी प्रकार के पत्थरों के उपकरण का उपयोग निर्माण कार्य के लिए किया जाता था लेकिन निश्चित रूप से इसके निर्माण के लिए उपयुक्त सामग्री के चयन को प्राथमिकता दी गई थी| इसके अलावा, क्षेत्र में बड़ी संख्या में कलाकृतियों के समूहों के रूप में प्रारंभिक बसाहटों से पता चलता है, कि इन घाटी के भीतर,प्रागैतिहासिक शिकारी-संग्रहकों के पास एक व्यापक गतिशीलता के साथ कई व्यवसायों के साथ एक सुद्रिड समाज अस्तित्व में था| उपयुक्त कच्चे माल, समृद्ध पौधे और पशु,भोजन, जल स्रोतों की उपलब्धता के कारण प्रारंभिक होमिनिन,पाषाण भूदृश्य के द्वारा दीर्घकालीन सतत व्यवसाय को इंगित करता है? ऐसे स्थलों का विस्तृत बहु-विषयक अध्ययन करने से मानव- एवं भूमि के संबंध, बंदोबस्त और निर्वाह पैटर्न के संबंध में मानव के व्यवहार तथा मानव की प्रवृति एवं रणनीति का पता चल सकेगा एवं निश्चित रूप से प्रागैतिहासिक शिकारी एवं संग्रहक समाज को डिकोड करने में मदद करेगा|

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