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सुभाष आरओबी: एक रूट तैयार, दूसरे पर शुरू होगी गर्डर लॉन्चिंग

मैदा मिल पर रोटरी बनाकर किया जाएगा ट्रैफिक मैनेजमेंट

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सुभाष आरओबी: एक रूट तैयार, दूसरे पर शुरू होगी गर्डर लॉन्चिंग

सुभाष आरओबी: एक रूट तैयार, दूसरे पर शुरू होगी गर्डर लॉन्चिंग

भोपाल. होशंगाबाद रोड स्थित मैदा मिल से रायसेन रोड तक बेहतर ट्रेफिक कनेक्टिविटी देने के लिए रेलवे और पीडब्ल्यूडी ने निर्माणाधीन आरओबी का एक रूट तैयार कर लिया है। अगले सप्ताह से दूसरे रूट पर गर्डर रखने की तैयारी की जा रही है। ब्रिज की लैंडिंग मैदा मिल साइट पर बनाई जाने के बाद यहां ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए एक रोटरी भी बनाई जाना है। ब्रिज की डिजाइन बदलने के बाद इस स्थान पर एक्सीडेंटल फॉल्ट को दूर करने के लिए मैदा मिल साइट पर रोटरी और ट्रैफिक सिग्नल से स्थाई डायवर्जन बनाया जाएगा जो ब्रिज पर आने जाने वाले वाहनों को मेन रोड पर आने की सहूलियत देगा।

उल्लेखनीय है कि एमपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन की आपत्ति के बाद पिछले साल ब्रिज के डिजाइन में बदलाव किया गया था। प्रभात चौक साइट पर ब्रिज सड़क के बीचों-बीच उतारा गया है और ऐसी ही लैंडिंग मैदा मिल साइट पर मार्ग के बीच बननी थी। मेट्रो कार्पोरेशन की आपत्ति के बाद ये लैंडिंग सड़क के दूसरी तरफ किनारे में बनानी पड़ी। इससे वाहनों को मेन रोड से आने जाने में कनेक्टिविटी देने की दिक्कत आ रही थी।

सात हजार पीसीयू रहेगी क्षमता

ब्रिज की चौड़ाई चेतक ब्रिज की तर्ज पर 12 मीटर रखी गई है और यहां प्रतिघंटा सात हजार पैसेंजर वाहनों के गुजरने की क्षमता विकसित की जाएगी। इस इलाके में फिलहाल पुल बोगदा और सुभाष फाटक के जरिए वाहनों को प्रभात चौक और रायसेन रोड से कनेक्टिविटी मिलती है। इन्हें नए रेलवे ओवर ब्रिज से सीधे प्रभात चौराहे तक डायवर्ट किया जाएगा। फिलहाल फाटक और बोगदा पुल मिलाकर पैसेंजर कार यूनिट केपिसिटी प्रति घंटा सिर्फ 5 हजार आंकी गई है।

आरओबी का एक रूट बनकर तैयार है। दूसरे रूट पर गर्डर रखे जाने हैं। इसके लिए रेलवे ने अगले सप्ताह का समय मांगा है। हमारी कोशिश है कि जल्द से जल्द काम पूरा हो जाए ताकि यहां से यातायात शुरू शुरू हो सके।

- एमपी ङ्क्षसह, ईई, पीडब्ल्यूडी