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एमपी के इस IAS पर कसा शिकंजा, पूछताछ में महिला टाइपिस्ट ने खोली पोल, किया गिरफ्तार

IAS Santosh Verma-महिला टाइपिस्ट की गिरफ्तारी, IAS संतोष वर्मा के प्रमोशन में फर्जी फैसले मामले में जांच तेज

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IAS Santosh Varma

IAS Santosh Varma

IAS Santosh Verma- एमपी के एक IAS पर कानून का शिकंजा कसते जा रहा है। ब्राह्मण की बेटियों पर विवादित टिप्पणी से घिरे IAS संतोष वर्मा (IAS Santosh Verma) अब प्रमोशन मामले में घिर गए हैं। पदोन्नति लेने के लिए कोर्ट के फर्जी फैसले के मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। केस में आरोपी महिला टाइपिस्ट नीतूसिंह (Neetu Singh) चौहान से पूछताछ में अहम खुलासे हुए हैं। उसे पुलिस ने गुरुवार को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया था और गिरफ्तार भी कर लिया। पुलिस ने उसे अदालत परिसर से ही हिरासत में लिया और कोर्ट में पेश किया। यहां से पुलिस को महिला टाइपिस्ट नीतूसिंह चौहान की दो दिन की रिमांड मिली है। उसकी गिरफ्तारी का कोर्ट परिसर में मौजूद कुछ वकीलों ने विरोध भी किया। उनका आरोप था कि नीतूसिंह को बिना उचित न्यायिक प्रक्रिया के गिरफ्तार किया गया है।

ब्राह्मण बेटियों, आरक्षण और हाईकोर्ट पर एक के बाद एक कई विवादित टिप्पणी कर IAS संतोष वर्मा सुर्खियों में बने हुए हैं। ऐसे में उनके प्रमोशन में फर्जीवाड़े के मामले की जांच तेज हो गई है। आरोप है कि संतोष वर्मा ने पदोन्नति के लिए कोर्ट का
फर्जी फैसला लगाया था। यह फैसला महिला टाइपिस्ट नीतूसिंह चौहान ने टाइप किया था। उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

IAS संतोष वर्मा को प्रमोशन का लाभ दिलाने के लिए कोर्ट का फर्जी फैसला टाइप करने की आरोपी कोर्ट कर्मचारी नीतूसिंह चौहान को गुरुवार को पुलिस ने बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया था। उससे पूछताछ की गई जिसके बाद गिरफ्तार कर लिया। नीतू सिंह चौहान को कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे दो दिन की पुलिस रिमांड पर सौंप दिया गया। शुक्रवार को केस के संबंध में उससे दोबारा पूछताछ की गई।

जस्टिस रावत की कोर्ट में ही टाइपिस्ट

आरोपी नीतूसिंह चौहान ने आईएएस संतोष वर्मा के लिए स्पेशल जज विजेंद्र रावत की कोर्ट का फर्जी आदेश तैयार किया था। जांच अधिकारियों ने बताया कि उस समय वे जस्टिस रावत की कोर्ट में ही टाइपिस्ट के पद पर कार्यरत थीं।

अदालत के रजिस्टर और फाइलों में आरोपी की ही हस्तलिपि

बता दें कि आईएएस संतोष वर्मा के कोर्ट के फर्जी फैसले के मामले की जांच एसआइटी कर रही है। जांच टीम ने सन 2021 में जज विजेंद्र रावत का कंप्यूटर और एक पेन ड्राइव जब्त की थी। पेन ड्राइव में विवादित फैसलों की प्रति मिली थी। जांच में सामने आया है कि संबंधित आदेशों के रिकॉर्ड अदालत के रजिस्टर और फाइलों में आरोपी की ही हस्तलिपि है। एडिशनल डीसीपी के अनुसार अब तक फर्जी आदेशों की मूल प्रति बरामद नहीं हो सकी है। इसके लिए पुलिस ने आरोपी नीतू सिंह चौहान के घर की तलाशी के लिए अनुमति मांगी है।