
जिन लोगों के हाथ-पैर झुनझुनाहट के कारण सुन्न हो जाते है वे इस खबर को जरूर पढ़ें
भोपालः देशभर में कई लोगों को हाथ-पैरों में झुनझुनाहट और सुन्न होने की परेशानी हो रही है, जिसे अक्सर लोग इग्नोर कर देते हैं। लेकिन, इस समस्या को नज़र अंदाज करना काफी खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसी समस्या होने के साथ तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए और जितनी जल्दी मुम्किन हो अपना इलाज शुरु कर देना चाहिए। बदन के कोई भी हिस्से में झनझनाहट और सुन्न होने की परेशानियों के कई कारण हो सकते हैं। यह परेशानियां शरीर में पोषक तत्वों की कमी का संकेत देती हैं। इसलिए खाने में ऐसे फलों और सब्जियों का सेवन करें जिससे पोषक तत्व की कमी पूरी हो और इस बीमारी से राहत मिले। अपने प्रतिदिन के खाने में मैग्नीशियम से भरपूर सब्जियों, फलों का सेवन करना चाहिए। इसके लिए हरी पत्तेदार सब्जियां, सूखे मेवे, अलसी के बीज, काजू के बीज, जौ की दलिया, पनीर, ठंडे पानी की मछलियां, सोयाबीन, चॉकलेट इत्यादि चीजों का सेवन बहुत ही फायदा देगा। अपनी प्रतिदिन के दिनचर्या में एक घंटा व्यायाम शामिल करें, इससे हाथों पैरों में होने वाली झनझनाहट दूर होगी।
क्या कहता है वैज्ञानिक तर्क?
अगर विज्ञान के हिसाब से देखें तो, हाथ पैर का सुन्न पड़ जाना बेहद आम बात है। किसी एक मुद्रा में लगाता बैठे रहने या सोने के बाद जब आप उठते हैं, तो कई बार आपने महसूस किया होगा कि आपका पैर काम ही नहीं कर रहा। शरीर का वह हिस्सा सुन्न पड़ जाता है और उसमें एक खास तरह की झनझनाहट होने लगती है। जब आप चलने की कोशिश करते हैं या फिर पैरों में जूते या चप्पल डालने की कोशिश करते हैं, तो पैर काम करना बंद कर चुका होता और ऐसा लगता है, कि खड़े होते ही आप गिर जाएंगे, लेकिन कुछ देर हिलने-डुलने या चलने पर स्थिति सामान्य हो जाती है। बिल्कुल ऐसा ही हाथ के साथ भी होता है। कुर्सी के हत्थे पर देर तक हाथ टिकाने या बिस्तर में बांह के बल सोने या हाथ का तकिया बनाकर सोने से हाथ भी सुन्न होकर झनझनाने लगता है। इस झनझनाहट को अक्सर लोग एक सामान्य सी बात मानते हैं।
लंबे समय तक हो झनझनाहट तो हो जाएं सतर्क
हालांकि हाथ-पैर का इस तरह दबकर सुन्न पड़ जाना कोई परेशानी की बात नहीं। असल में एक ही मुद्रा में देर तक रहने से कुछ नसें दब जाती हैं। इस कारण हाथ-पैर को पर्याप्त मात्रा में अॉक्सीजन नहीं मिल पाता। अॉक्सीजन के अभाव में अंग बचाव की मुद्रा में आ जाते हैं और सिर्फ बहुत ज़रूरी काम ही करते हैं। शरीर के किसी भी अंग में होने वाली सुन्नता का पता मस्तिष्क को भी चल जाता है, जिसके चलते मस्तिष्क आॉक्सीजन के लिए परेशान होते हाथ-पैर की मदद करने लगता है। दिमाग झनझनाहट का सिग्नल भेज कर शरीर को हिलने-डुलने के लिए बाध्य करता है। आमतौर पर हाथ या पैर का सुन्न होना सामान्य-सी ही बात है। लेकिन यदि सुन्नता लंबे समय तक बनी रहे, दिन में कई-कई बार हाथ-पैर सुन्न पड़ने लगें या फिर झनझनाहट खत्म होने में बहुत अधिक समय लग रहा हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि कभी-कभी झनझनाहट और सुन्नता स्लिप डिस्क, मल्टीपल स्क्लेरोसिस या डायबिटीज के चलते भी होने लगती है।
Published on:
11 Aug 2018 10:27 am
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