भोपालPublished: Sep 26, 2022 01:45:03 am
दीपेश तिवारी
- दर्द भी बयां न कर पाने की बेबसी
भोपाल। आमतौर पर दर्द की आवाज पर मरहम मिल ही जाती है, लेकिन उनका क्या जो अपना दर्द भी बयां नहीं कर पाते। हर कदम पर बेबसी का सामना और सामने घोर अंधेरा...उम्र के हर मोड़ पर धोखे खाने के बाद जब अपने पैरों पर खड़ा होने का समय आता है तो बेरोजगारी से सामना। जी हां... हम बात कर रहे हैं मूक-बधिर की, जिनके लिए आज नौकरी करना भी आसान नहीं है। निजी हो या सरकारी, नौकरी इनके लिए दूर की कौड़ी ही है।