mp cabinet, cabinet, gauri shankar shejwar, manoj srivastava, liquor, liquor policy, say no to liquor
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में एक मंत्री और अफसर आपस में भिड़ गए। जब बात सारी मर्यादाएं तोड़ते हुए तू-तू-मैं-मैं पर आ गई तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बीच में दखल देना पड़ा। सीएम ने नाराजगी जताई तो अफसर को मंत्री से माफी मांगनी पड़ी। आइए हम बताते हैं किस कहासुनी की पूरी कहानी....
कैबिनेट की बैठक चल रही थी। आबकारी विभाग के पीएस मनोज श्रीवास्तव नई आबकारी नीति का प्रजेंटेशन दे रहे थे। इसी दौरान शराब बंदी का जिक्र हुआ। तो वन मंत्री गौरी शंकर शेजवार प्रजेंटेशन देखकर बोल पड़े कि आपके प्रजेंटेशन से तो ऐसा लग रहा है कि नर्मदा के किनारे सिर्फ एक साल के लिए ही शराब बंदी हो रही है। जबकि उन्हें हमेशा के लिए बंद होना चाहिए। इस पर पीएस मनोज श्रीवास्तव ने भी तपाक से जवाब दे दिया। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की मंदबुद्धि पर मुझे तरस आता है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नमामि देवी नर्मदा यात्रा के दौरान शराबबंदी की घोषणा पर कैबिनेट में बहस हुई। प्रजेंटेशन के बीच मनोज श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री की घोषणा का जिक्र करते हुए बताया कि 2016-17 के लिए नर्मदा किनारे की शराब की दुकानें बंद कर रहे हैं। मंत्री की तल्ख टिप्पणी सुनते ही पीएस श्रीवास्तव ने जब जवाब दिया तो शेजवार नाराज हो गए। उन्होंने मनोज श्रीवास्तव को संयमित भाषा का प्रयोग करने की नसीहत दी। हालांकि मामला भांपते ही मनोज श्रीवास्तव ने तुरंत माफी मांग ली। उन्होंने बताया कि इस तरह का फैसला लेने से प्रदेश को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो सकता है। -हालांकि उमाशंकर गुप्ता और विजय शाह ने शेजवार का समर्थन किया और दुकानें स्थाई रूप से बंद करने की बात कही।