-जो रेस्टोरेंट रोज 20 किलो टमाटर खरीदते थे वे अब ले रहे केवल पांच किलो-कई रेस्टोरेंट ने 70-80% कम कर दिया टमाटर का उपयोग लेकिन डिशेज के नहीं बढ़ाए रेट
भोपाल। टमाटर के दामों की रफ्तार दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है। बढ़ते दामों ने घरों में तो खलबली मचा ही रखी है रेस्टोरेंट्स और कैफेज वाले भी परेशान हैं। खबर तो यह भी है कि एक बड़ी बर्गर कंपनी ने दिल्ली में अपने आउटलेट के बाहर बर्गर में टमाटर न देने का बोर्ड चस्पा कर दिया है। राजधानी में ’टमाटर समस्या’ को लेकर पत्रिका प्रतिनिधि ने रेस्टोरेंट्स और कैफे ऑनर्स से चर्चा की। जहां बताया कि डिशेस पर टमाटर की उपयोगिता बरकरार है और दामों को भी स्थिर रखा है।
ग्रेवी में टमाटर का विकल्प
एमपी नगर में रेस्टोरेंट ओनर अमन प्रजापति बताते हैं कि हमने काफी समय तक टमाटर का उपयोग कम नहीं किया पर बअ टमाटर की खरीदी लगभग 70-80 फीसदी कम कर दी है। ग्रेवी में हमने टमाटर की जगह अन्य चीजों का उपयोग किया है जिससे टेस्ट बरकरार रहे।
टमाटर सस्ता हो या महंगा, मार्जिन लेकर चलते हैं
अरेरा कॉलोनी स्थित रेस्टोरेंट एंड कैफे ओनर रिजुल जैन ने बताया कि हमने कस्टमर्स के लिए उनकी डिशेस में टमाटर या कोई भी अन्य आइटम की कटौती नहीं की है और न ही हमने दाम बढ़ाए हैं। हां स्टाफ के लिए सब्जी में टमाटर की कटौती की है। एमपी नगर स्थित एक रेस्टोरेंट के मैनेजर राम यादव बताते हैं कि टमाटर सस्ता हो या महंगा हम कंफर्टेबल मार्जिन लेकर चलते हैं। जब टमाटर सस्ता होता है तो क्या हम अपने दाम कम कर देते हैं नहीं तो अब जब दाम बढ़े हुए हैं तो हम दाम क्यों बढ़ाएंगे।