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संरक्षित वन क्षेत्र में बनाया जा रहा ट्रैक, विभाग खुद ही मजदूर लगाकर साफ करा रहा जंगल

30 जुलाई को नोटिफिकेशन जारी कर 357 हेक्टेयर इलाके को किया गया था संरक्षित

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भोपाल। सरकार ने एनजीटी के निर्देश पर केरवा-कलियासोत के 357 हेक्टेयर से अधिक इलाके को संरक्षित वन क्षेत्र घोषित कर दिया है। इसके लिए 30 जुलाई को नोटिफिकेशन भी जारी हो चुका है। नोटिफिकेशन को अमल में लाने का जिम्मेदार वन विभाग ही खुद यहां बड़ी संख्या में मजदूर लगाकर कटाई करा रहा है। संरक्षित वन में यह काम नगर वन के साथ पक्का ट्रैक बनवाने के नाम पर किया जा रहा है।

बाघ भ्रमण क्षेत्र में आवाजाही हो जाएगी शुरू
वन विभाग ने चंदनपुरा के 50 हेक्टेयर से अधिक इलाके में नगर वन बनाने का निर्णय लिया है, यहां पौधरोपण इस इलाके में अवैध रूप से काटे गए दो हजार से अधिक वृक्षों की कटाई की क्षतिपूर्ति के लिए बनाया जा रहा है, लेकिन इसके प्रस्ताव में वन के बजाए नगर वन बनाकर सुविधाओं और घूमने के ट्रैक के नाम पर बाघ भ्रमण क्षेत्र में नागरिकों की आवाजाही कराने का रास्ता खोल दिया गया है। इसी के तहत नगर वन से पहले ही यहां पाथवे बनाने के लिए घने जंगल की कटाई भी शुरू हो गई है।

यहां बनाया जा सकता है नगर वन
एक्सपट्र्स के अनुसार मनुआभान की टेकरी, चार इमली के पास खाली पड़ी जगह, अरेरा हिल्स में हनुमान मंदिर के पास, श्यामला हिल्स के खाली पड़े बंजर इलाके में, रायसेन रोड पर वन विभाग के खाली पड़े इलाके में, नई विधानसभा के सामने और एमएलए रेस्टहाउस के पास नगर वन विकसित किए जा सकते हैं।

इस मामले में सेवानिवृत्त सहायक वन संरक्षक केसी मल्ल का कहना है कि संरक्षित वन में तो झाडिय़ां काटना तक अपराध है, ऐसे में वन विभाग भी किसी तरह निर्माण कैसे कर सकता है। यहां नगर वन बनाना ठीक नहीं है। यहां केवल वन क्षेत्र विकसित होना चाहिए। नगर वन बनाना है कि तो किसी भी पहाड़ी से लेकर बंजर जगह, सीपीए या राजस्व के वन क्षेत्र में बनाया जाए। वहीं, सीसीएफ, भोपाल वन वृत्त रविन्द्र सक्सेना का कहना है कि जिस इलाके को संरक्षित वन क्षेत्र घोषित किया है वह वन विभाग के कब्जे में है और वहां कोई निर्माण या अतिक्रमण नहीं है। मेरी जानकारी में वहां लैंटाना उखाड़ा जा रहा है। यह सही है कि संरक्षित क्षेत्र में किसी तरह की झाडिय़ां भी नहीं काटी जा सकती है। वहां क्या हो रहा है, इसका पता करवाता हूं।