scriptयहां 500 करोड़ की लागत से जमीन के अंदर तैयार होगी दुनिया की सबसे आधुनिक लैब | The world's most modern lab will be built underground | Patrika News

यहां 500 करोड़ की लागत से जमीन के अंदर तैयार होगी दुनिया की सबसे आधुनिक लैब

locationभोपालPublished: Aug 09, 2022 11:04:30 pm

राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (एनआईएचएसएडी) भोपाल में तैयार होगी हाई सिक्यूरिटी लैब, यहां वायरस के नए स्ट्रेन, इबोला, निपाह, यलो फीवर वायरस जैसी बीमारियों की जीनोम और जेनेटिक सीक्वेंसिंग होगी

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राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (एनआईएचएसएडी) भोपाल

भोपाल में जल्द ही वायरस की जीनोम और जेनेटिक सीक्वेंसिंग का काम शुरू हो सकेगा। इसके साथ ही वायरस का ओरिजिन और पाथ यानि कहां से और किस रास्ते से आया इसकी पड़ताल की जाएगी। यही नहीं वायरस कितना खतरनाक है, इसे रोकने के उपायों पर भी काम होगा। इसके लिए राजधानी भोपाल में 500 करोड़ की लागत से हाई सिक्युरिटी लैब तैयार की जाएगी। राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (एनआईएचएसएडी) के पास इस लैब का निर्माण अंडर ग्राउंड ( जमीन के अंदर) किया जाएगा जो दुनिया की सबसे एडवांस लैब में से एक होगी। जानकारी के मुताबिक इस लैब में बर्ड फ्लू के साथ अन्य खतरनाक वायरस जैसे कि इबोला, निपाह, यलो फीवर वायरस की जेनेटिक और जीनोम सीक्वेंसिंग के साथ इनके नए स्ट्रेन की जांच भी की जाएगी।
मालूम हो कि मौजूदा एनआईएचएसएडी लैब तकनीक के मामले में एशिया में पहले और दुनिया में छठवें पायदान पर है। अपने निर्माण के समय यह लैब बायो सेफ्टी लेबल (बीएसएल-4) थी लेकिन बाद में मानक और कड़े होने से यह लैब बीएसएल-3.5 हो गई। अब नई लैब को बीएसएल-4 मानक के अनुरूप तैयार किया जाएगा।
75 फीसदी बीमारियां जानवरों से उत्पन्न

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक पशु रोग डॉ. भूपेंद्र नाथ त्रिपाठी ने बताया कि मौजूदा समय में जो बीमारियां है उनमें से 60 फीसदी की उत्पत्ति जानवरों या पक्षियों से हुई है। वहीं आगे जो नई बीमारी आएंगी उनमें से 75 फीसदी जानवरों से ही उत्पन्न होंगी। ऐसे में अगर वायरस को इसी स्तर पर रोक लिया जाए तो मानव के लिए बहुत बड़ी सुरक्षा हो सकेगी।
22 साल से लगातार कर रहा काम

उन्होंने बताया कि मौजूदा लैब 22 साल से दिनरात लगातार काम कर रही है। यहां देश ही नहीं बल्कि सात देशों से सैंपल जांच के लिए आते हैं। ऐसे में नई लैब की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही है।
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