-न्यू मार्केट स्थित बैंक में रोजाना पहुंच रहे चालीस से पचास लोग-रुपए को रियाल में बदलने वालों की संख्या बढ़ी, दूसरे जिलों से आ रहे लोग
भोपाल। रुपए को किसी विदेशी मुद्रा में बदलने के लिए बैंक खाता लोगों के लिए परेशानी बन रहा है। दूसरे बैंक में खाता होने के कारण लोगों को वापस लौटना पड़ रहा है। वर्तमान में रुपए को रियाल में बदलने का काम चल रहा है। हजयात्रा के चलते इसके लिए एसबीआई की कुछ ब्रांच अधिकृत हैं। हर रोज यहां चालीस से पचास लोग यहां पहुंच रहे हैं। सामान्य दिनों के मुकाबले बढ़ गई है। इनमें अधिकांश ऐसे हैं जिन्हें सही जानकारी नहीं है। जो दिक्कत का कारण बन रहा है। कई लोगों के खाते अन्य बैंक में है, जिसके कारण सबसे ज्यादा दिक्कत आई है।
कई जिलों से आ रहे लोग
पूरे प्रदेश से हजयात्रा के लिए लोग चुने गए हैं। सऊदी अरब में दैनिक खर्च के लिए रियाल की जरूरत होती है। पहले हज कमेटी रुपए को रियाल में बदलकर देती थी। इस बार हजयात्रियों के हवाले काम दे दिया। एक रियाल की कीमत वर्तमान में 22 रुपए है। अधिकांश मामलों में लोगों को पचास हजार से ज्यादा की जरूरत है।
फ्लाइट की तारीख के साथ बढ़ेगी संख्या
राजधानी से हज उड़ान 7 जून से हैं। पांच जून से यहां लोगों का आना शुरू हो जाएगा। ऐसे में रुपए से रियाल में बदलने वालों की संख्या बढ़ जाएगी। दरअसल यह व्यवस्था केवल बड़े जिलों तक सीमित है। जिससे छोटे जिलों के लोग परेशान हो रहे हैं।
ये दस्तावेज जरूरी
● पचास हजार रुपए से अधिक राशि की विदेशी मुद्रा के लिए एसबीआई में खाता जरूरी
● पेन कार्ड
● हज आवेदन फॉर्म
● पासबुक के साथ चेक बुक या डेबिट फॉर्म
इंतजार के बाद लौटे
रशीद खान करीब दो सौ किमी दूर से राजधानी आए थे। बैंक पहुंचने पर एसबीआई में खाते को लेकर दिक्कत आई दिक्कत आई। समाधान न होने पर वापस लौटना पड़ा। कोहेफिजा रहवासी अमानत को भी बैंक से लौटना पड़ा। अपनी पत्नी के साथ यात्रा पर जा रहे हैं। ऐसे में इन्हें पचास हजार रुपए से ज्यादा कीमत की रियाल की जरूरत थी। खाते खुलवाने की सलाह मिली। अब फिर से बैंक आना होगा। बैंक के वरिष्ठ अधिकारी मिली जानकारी के मुताबिक पचास हजार रुपए से कम की मुद्रा रकद राशि देकर भी बदली जा सकती है। इससे अधिक होने पर एसबीआई की ब्रांच में खाता और चेक या डेबिट स्किप होना जरूरी है।