बरखेड़ा-बुदनी घाट सेक्शन में तीसरी सुरंग का काम पूरा, दो पर काम जारी, त्योहारों पर समय से अपनी मंजिल पर पहुंचें यात्री इसलिए रेलवे ने ट्रैक रिमॉडलिंग वर्क को टाला
भोपाल. भोपाल से इटारसी सेक्शन में बरखेड़ा बुधनी के बीच तीसरी रेलवे लाइन का काम दिसंबर 2023 की बजाय अब 2024 में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। यहां आधुनिक तकनीक से कुल पांच सुरंगें बन रही हैं। यह आस्ट्रियन तकनीक से बन रही हैं। इनमें दो सुरंगें ऐसी हैं, जिनमें दो ट्रैक डाले जा रहे हैं। यहां दो ट्रेनें एक साथ गुजर सकेंगी। मध्य प्रदेश में यह पहला मौका है जब किसी रेलमार्ग पर दो ट्रैक वाली सुरंग बन रही हैं। इनमें से तीसरी सुरंग बन चुकी है। ट्रैक के बगल में जानवरों के लिए स्टॉप डैम बनाया गया है। यहां जानवर अपनी प्यास बुझा सकेंगे।
लॉकडाउन की वजह से काम पिछड़ा
कोरोना और लॉकडाउन के चलते भारतीय रेलवे और रेलवे विकास निगम लिमिटेड का ये प्रोजेक्ट तय समय से पिछड़ गया है। इस वजह से आए दिन रेलवे यात्री ट्रेनों को निरस्त कर रहा है। दशहरा और दीपावली के मद्देनजर रेलवे ट्रैक रिमॉडलिंग वर्क को टाल दिया गया है ताकि त्योहार के मद्देनजर लोग समय पर अपनी मंजिल पर पहुंच सकें। तीसरी लाइन शुरू होने के बाद इसे खंडवा इटारसी फ्रेट कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा। तब यात्री एवं गुड्स ट्रेनों के लिए अतिरिक्त लाइन उपलब्ध हो जाएंगी।
यूपी से दक्षिण तक बनेगा कॉरीडोर
उत्तर-दक्षिण व्यस्त रेल कॉरिडोर के भोपाल-इटारसी रेल खंड पर बरखेड़ा से बुदनी (घाट सेक्शन) के मध्य 26.50 किलोमीटर लंबी तीसरी लाइन परियोजना पर आरवीएनएल द्वारा निर्माण जारी है। 5 सुरंगों में से तीसरी सुरंग (200 मीटर) का निर्माण पूरा हो गया है। दुर्गम क्षेत्र से गुजरने वाली इस सुरंग का निर्माण कार्य कठिन और चुनौतियों भरा रहा, जिसे दिन-रात कठिन मेहनत करके पूरा किया गया। घाट सेक्शन में निर्माण की जा रही पांच सुरंगों में से तीन सुरंगों (टनल-1 की लंबाई 1080 मीटर, टनल-5 की लंबाई 530 मीटर एवं टनल-3 लंबाई 200 मीटर) का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। टनल-2 की लंबाई 200 मीटर एवं टनल-4 की लंबाई 140 मीटर का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
अभी ये काम जारी हैं
वर्तमान में टनल के अंदर जैसे इनवर्ट सफाई, पीसीसी, नोफाइन कांक्रीट, 315 मिमी व्यास वाले सेंट्रल ड्रेन, 160 मिमी व्यास के साइड ड्रेन एवं निचले हिस्से में आरसीसी आदि के उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री से निर्माण कार्य प्रगति पर है। वन्य जीव संरक्षण के लिए इस लाइन पर पांच ओवर पास, 20 अंडर पास, वन्य जीवों को पानी पीने के लिए 06 डैम का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा एक जल भंडार, जिस पर सौर ऊर्जा से संचालित बोरवेल रेलवे द्वारा लगाया गया है।